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Raza Pustak Mala - Bhavan : Sahitya Aur Anya Kalaon Ka Anushilan

Raza Pustak Mala - Bhavan : Sahitya Aur Anya Kalaon Ka Anushilan
मुकुन्द लाठ भारत के उन बहुत थोड़े लेखकों में से एक हैं जिनके यहाँ साहित्य और कलाओं को लेकर ऐसी गहरी और सूक्ष्म दृष्टि है जो प्राचीन साहित्य और शास्त्र, दर्शन और चिन्तन, संगीत और नाट्य, कविता, परम्परा और आधुनिकता आदि सबको एक संग्रथित समावेश में शामिल कर रूपायित होती रही है। वह परम्परा से जैसे कि आधुनिकता से भी अनाक्रान्त रहकर एक प्रश्नवाचक दूरी रखती है। साहित्य और कलाओं के स्वरूप पर ऐसा मौलिक चिन्तन, कुछ कृतियों की सूक्ष्म समीक्षा, हिन्दी में बहुत कम देखने को मिलता है। हिन्दी में पहले ऐसे लोग थे, जैसे कि वासुदेवशरण अग्रवाल, मोतीचन्द्र, हजारीप्रसाद द्विवेदी आदि, जो ऐसी समावेशी और आधुनिकता के लिए भेदक दृष्टि रखते थे। मुकुन्द लाठ उस परम्परा में ही दशकों से सक्रिय रहे हैं और उनकी यह संचयिता हम बहुत उत्साह और उम्मीद के साथ प्रस्तुत कर रहे हैं कि अपने समय, समाज, साहित्य और कलाओं को समझने की यह दृष्टि हिन्दी के विचार-जगत में हस्तक्षेप की तरह पहचानी-गुनी जाएगी। यह निश्चय ही हिन्दी की विचार-सम्पदा का अपेक्षाकृत अब तक का जाना विस्तार है।—अशोक वाजपेयी

Raza Pustak Mala - Bhavan : Sahitya Aur Anya Kalaon Ka Anushilan

Bhavan : Sahitya Aur Anya Kalaon Ka Anushilan - by - Rajkamal Prakashan

Bhavan : Sahitya Aur Anya Kalaon Ka Anushilan -

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  • Stock: 10
  • Model: RKP1630
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RKP1630
  • ISBN: 0
  • Total Pages: 564p
  • Edition: 2019, Ed. 1st
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Back, Paper Back
  • Year: 2019
₹ 595.00
Ex Tax: ₹ 595.00