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Literary - Yaatnaghar - Hardbound

Literary - Yaatnaghar - Hardbound
उपन्यास हो, कहानी, नाटक या निबंध, हर विधा के लिए गिरिराज किशोर प्रायः सामयिक विषय को ही अपना कथानक बनाते हैं। वह कल्पना की ऊंची-ऊंची उड़ानें नहीं भरते वरन् ज़िंदगी की विविधताओं और जटिलताओं को जीने में मदद करते हैं। उपन्यास यातनाघर में विष्णु नारायण अपने आला अफसरों की तानाशाही और मनमानी झेलता-झेलता इतना बेबस हो जाता है। कि उसे लगने लगता है कि वह इन्सान नहीं ‘कोल्हू का बैल’ बन गया है। जिसे दिन-रात पेरा जाता है। लेखक ने घर बाहर की जद्दोजहद में जूझते व्यक्ति के मनोभावों का ऐसा सजीव चित्रण किया है कि पाठक की सहानुभूति सहज उसके साथ हो जाती है।

Literary - Yaatnaghar - Hardbound

Yaatnaghar - Hardbound - by - Rajpal And Sons

Yaatnaghar - Hardbound -

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  • Stock: 10
  • Model: RAJPAL439
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RAJPAL439
  • ISBN: 9788170289494
  • ISBN: 9788170289494
  • Total Pages: 128
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hardbound
  • Year: 2016
₹ 235.00
Ex Tax: ₹ 235.00