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Literary

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प्रख्यात लेखक मोहन राकेश ने उपन्यास बहुत कम लिखे हैं परंतु वे बहुत ही लोकप्रिय हुए हैं। ‘न आने वाला कल’ आधुनिक तेजी से बदलते जीवन तथा व्यक्ति और उनकी प्रतिक्रियाओं पर बहुत प्रसिद्ध उपन्यास है जो आर्थिक संघर्ष, स्त्री-पुरुष संबंध तथा साहित्य और कला की दुनिया को बड़ी सूक्ष्मता से चित्रित करता है। यह उप..
₹ 275.00
Ex Tax:₹ 275.00
अमृतलाल नागर हिन्दी साहित्य के एक दिग्गज माने जाते हैं जिन्होंने उपन्यास, व्यंग्य, संस्मरण और बाल-साहित्य जैसी अलग-अलग विधाओं में लिखा। ‘नाच्यौ बहुत गोपाल’ में अपनी विशिष्ट शैली में सर्वथा नवीनतम धरातल पर मानवीय संवेदना के जीते-जागते पात्र उपस्थित किए हैं।..
₹ 450.00
Ex Tax:₹ 450.00
‘निर्मला’ मुंशी प्रेमचंद की जानी-मानी रचना है जिसमें उन्होंने भारत में महिलाओं के प्रति होने वाले सामाजिक अन्याय पर रोशनी डाली है। निर्मला पन्द्रह साल की कमसिन लड़की है जो दहेज प्रथा के कारण, एक बूढ़े व्यक्ति से ब्याही जाती है। विवाह के बाद निर्मला को किन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है और इन सबका ..
₹ 175.00
Ex Tax:₹ 175.00
प्रख्यात साहित्यकार शैलेश मटियानी की स्वयं अपने जीवन पर आधारित एक मार्मिक औपन्यासिक रचना - आदि से अंत तक पाठक को बाँधे रखने में समर्थ..
₹ 125.00
Ex Tax:₹ 125.00
हिन्दी के जाने-माने लेखक रांगेय राघव का उपन्यास ‘पथ का पाप’ एक कालजयी रचना है। अपनी अन्य कृतियों की तरह अपने इस उपन्यास के लिए भी उन्होंने ग्रामीण परिवेश को ही आधार बनाया है। ग्रामीणों में व्याप्त अंधविश्वास और धार्मिक आडम्बरों को रेखांकित करने के साथ-साथ लेखक ने पारिवारिक संबंधों पर आधुनिकता के प्र..
₹ 165.00
Ex Tax:₹ 165.00
सत्यजित राय की विश्वप्रसिद्ध फिल्म, पथेर पांचाली, लेखक बिभूतिभूषण बंद्योपाध्याय के इसी नाम के उपन्यास पर आधारित है। यह उपन्यास बंगाल के निश्चिन्दिपुर गाँव में रहने वाले अपू और उसकी बड़ी बहन दुर्गा की कहानी है। अपू और दुर्गा गरीबी की कड़वी सच्चाई से अनजान अपने बचपन की अल्हड़ शैतानियों में मस्त अपना ज..
₹ 295.00
Ex Tax:₹ 295.00
जैसे पतझर में वृक्ष के पुराने पत्ते झड़ जाते हैं और उनकी जगह नए पत्ते ले लेते हैं, उसी प्रकार पुरानी विचारधाराएं समय के साथ अपना महत्त्व खोने लगती हैं और उसके स्थान पर नई विचारधाराएं जन्म लेती हैं। कथा में एक युवक और युवती के प्रेम को आधार बनाकर आदिम युग से आज तक की सभ्यता, संस्कृति को दिखाया गया है..
₹ 150.00
Ex Tax:₹ 150.00
‘‘पीढ़ियां’’ अमृतलाल नागर का अंतिम उपन्यास है जो उन्होंने अपने निधन से कुछ दिन पहले ही समाप्त किया था। यह उपन्यास एक बड़े कैनवास पर अनेकानेक पात्रों और वास्तविक घटनाओं पर आधारित है। इसमें एक पूरी सदी के समाज का सजीव चित्रण है और भारत की स्वतन्त्रता चेतना के उतार-चढ़ाव की मर्मस्पर्शी कहानी भी। नागर ज..
₹ 495.00
Ex Tax:₹ 495.00
यह उपन्यास मीरा के जीवन के विविध रूपों और आयामों को अत्यन्त रोचकता से चित्रित करता है। कृष्णदीवानी मीरा पर आधारित यह उपन्यास प्रचलित भ्रान्तियों का निवारण करने के साथ-साथ महत्त्वपूर्ण तथ्यों का विवरण प्रस्तुत करता है। उपन्यास में जो कुछ लिखा गया है वह इतिहास ही है जिसमें चरित्रों एवं घटनाओं को यथासम..
₹ 550.00
Ex Tax:₹ 550.00
Pehla Suraj - Paperback - RAJPAL519 - Literary..
₹ 195.00
Ex Tax:₹ 195.00
सुपरिचित कथाकार द्रोणवीर कोहली का यह नया उपन्यास प्रेम को आसमानी ऊँचाइयों तक ले जाता है और अस्थि-मज्जा से बने ‘सहायता’ के चरित्र को महानता की श्रेणी में ले जा खड़ा करता है। ‘पोटली’ प्रेम का एक ऐसा अनूठा शाहकार है, जिसे पढ़ना शुरू करने के बाद, आप अंत तक पहुँचने की बेसब्री से भरे रहेंगे, और तब भी वह बेस..
₹ 375.00
Ex Tax:₹ 375.00
प्रख्यात लेखक डा. विश्वभरनाथ उपाध्याय ने राजनीतिक परिवर्तन तथा अनैतिक आचरण के विरोध विषयों पर अपने-सशक्त तथा अत्यन्त पठनीय-उपन्यासों के कारण बहुत प्रसिद्धि प्राप्त की है। भ्रष्टाचार की समस्या पर उनका उपन्यास ‘दूसरा भूतनाथ’ बहुत पसंद किया गया था। अब इसी थीम पर, परंतु कुछ भिन्न दृष्टि से लिखा, यह उनका..
₹ 175.00
Ex Tax:₹ 175.00
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