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Literary - Lakhima Ki Aankhen - Paperback

Literary - Lakhima Ki Aankhen - Paperback
हिन्दी के प्रख्यात साहित्यकार रांगेय राघव ने विशिष्ट कवियों, कलाकारों और चिंतकों के जीवन पर आधारित उपन्यासों की एक श्रृंखला लिखकर साहित्य की एक बड़ी आवश्यकता को पूर्ण किया है। प्रस्तुत उपन्यास महाकवि विद्यापति के जीवन पर आधारित अत्यंत रोचक मौलिक रचना है। विद्यापति का काव्य अपनी मधुरता, लालित्य तथा गेयता के कारण पूर्वोत्तर भारत में बहुत लोकप्रिय हुआ और आज भी लोकप्रिय है। लेखक ने स्वयं मिथिला जाकर कवि के गांव की यात्रा करके गहरे शोध के बाद यह उपन्यास लिखा है। मिथिला के राजकवि, विद्यापति ठाकुर कुछ समय मुसलमानों के बन्दी भी रहे। उन्होंने संस्कृत में भी बहुत कुछ लिखा परंतु अपनी मैथिल भाषा में जो लिखा वह अमर हो गया। आदि से अंत तक अत्यंत रोचक यह उपन्यास उस युग के समाज, राजनीति और धार्मिक जीवन का भी सजीव चित्रण करता है।

Literary - Lakhima Ki Aankhen - Paperback

Lakhima Ki Aankhen - Paperback - by - Rajpal And Sons

Lakhima Ki Aankhen - Paperback -

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  • Stock: 10
  • Model: RAJPAL752
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RAJPAL752
  • ISBN: 9788170287544
  • ISBN: 9788170287544
  • Total Pages: 128
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Paperback
  • Year: 2016
₹ 165.00
Ex Tax: ₹ 165.00