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General - Lokpriya Shayar Aur Unki Shayari - Sardar Jafri - Paperback

General - Lokpriya Shayar Aur Unki Shayari - Sardar Jafri - Paperback
इस अत्यंत लोकप्रिय पुस्तक-माला की शुरुआत 1960 के दशक में हुई जब पहली बार नागरी लिपि में उर्दू की चुनी हुई शायरी के संकलन प्रकाशित कर राजपाल एण्ड सन्ज़ ने हिन्दी पाठकों को उर्दू शायरी का लुत्फ़ उठाने का अवसर प्रदान किया। इस पुस्तक-माला का संपादन उर्दू के सुप्रसिद्ध संपादक प्रकाश पंडित ने किया था। हर पुस्तक में शायर के संपूर्ण लेखन में से बेहतरीन शायरी का चयन है और पाठकों की सुविधा के लिए कठिन शब्दों के अर्थ भी दिए हैं। प्रकाश पंडित ने हर शायर के जीवन और लेखन पर-जिनमें से कुछ समकालीन शायर उनके परिचित भी थे - रोचक और चुटीली भूमिकाएं लिखी हैं। आज तक इस पुस्तक-माला के अनगिनत संस्करण छप चुके हैं। अब इसे एक नई साज-सज्जा में प्रस्तुत किया जा रहा है जिसमें उर्दू शायरी के जानकार सुरेश सलिल ने हर पुस्तक में अतिरिक्त सामग्री जोड़ी है। पद्मश्री और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित सरदार जाफ़री (1913-2000) की शायरी में इंक़लाब, धर्मनिरपेक्षता और देश-प्रेम की भावना झलकती है। वामपंथी विचार रखने वाले सरदार जाफ़री प्रगतिशील लेखक थे जो कई सामाजिक, साहित्यिक और राजनैतिक आंदोलनों के साथ जुड़े थे। शायर होने के साथ वे उपन्यासकार और आलोचक भी थे। उन्होंने कई फ़िल्मों के लिये गीत लिखे। इस पुस्तक में सम्मिलित नज़्में और ग़ज़लें उन्होंने जेल में लिखीं जिनमें मशहूर नज़्म ‘पत्थर की दीवार’ भी है।

General - Lokpriya Shayar Aur Unki Shayari - Sardar Jafri - Paperback

Lokpriya Shayar Aur Unki Shayari - Sardar Jafri - Paperback - by - Rajpal And Sons

Lokpriya Shayar Aur Unki Shayari - Sardar Jafri - Paperback -

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  • Stock: 10
  • Model: RAJPAL640
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RAJPAL640
  • ISBN: 9789350643150
  • ISBN: 9789350643150
  • Total Pages: 128
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Paperback
  • Year: 2017
₹ 150.00
Ex Tax: ₹ 150.00