General - Lokpriya Shayar Aur Unki Shayari - Qateel Shiphai - Paperback
इस अत्यंत लोकप्रिय पुस्तक-माला की शुरुआत 1960 के दशक में हुई जब पहली बार नागरी लिपि में उर्दू की चुनी हुई शायरी के संकलन प्रकाशित कर राजपाल एण्ड सन्ज़ ने हिन्दी पाठकों को उर्दू शायरी का लुत्फ़ उठाने का अवसर प्रदान किया। इस पुस्तक-माला का संपादन उर्दू के सुप्रसिद्ध संपादक प्रकाश पंडित ने किया था। हर पुस्तक में शायर के संपूर्ण लेखन में से बेहतरीन शायरी का चयन है और पाठकों की सुविधा के लिए कठिन शब्दों के अर्थ भी दिए हैं। प्रकाश पंडित ने हर शायर के जीवन और लेखन पर-जिनमें से कुछ समकालीन शायर उनके परिचित भी थे - रोचक और चुटीली भूमिकाएं लिखी हैं। आज तक इस पुस्तक-माला के अनगिनत संस्करण छप चुके हैं। अब इसे एक नई साज-सज्जा में प्रस्तुत किया जा रहा है जिसमें उर्दू शायरी के जानकार सुरेश सलिल ने हर पुस्तक में अतिरिक्त सामग्री जोड़ी है। क़तील शिफ़ाई (1919-2001) मूलतः पाकिस्तान के शायर थे लेकिन भारत में भी वे उतने ही लोकप्रिय हैं। क़तील शिफ़ाई का वास्तविक नाम मोहम्मद औरंगजेब था। क़तील उनका तखल्लुस था और अपने उस्ताद के सम्मान में उन्होंने अपने तखल्लुस के साथ ‘शिफ़ाई’ शब्द जोड़ा था। उनकी शायरी में झरनों का संगीत, फूलों की महक और महबूबा की नज़र की खूबसूरती मिलती है। उनके प्रेम और वंचना में क्रान्ति और मानवता की पुकार है।
General - Lokpriya Shayar Aur Unki Shayari - Qateel Shiphai - Paperback
Lokpriya Shayar Aur Unki Shayari - Qateel Shiphai - Paperback - by - Rajpal And Sons
Lokpriya Shayar Aur Unki Shayari - Qateel Shiphai - Paperback -
- Stock: 10
- Model: RAJPAL643
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: RAJPAL643
- ISBN: 9789350643853
- ISBN: 9789350643853
- Total Pages: 128
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Paperback
- Year: 2019
₹ 140.00
Ex Tax: ₹ 140.00