General - Lokpriya Shayar Aur Unki Shayari - Meer Taqi Meer - Paperback
इस अत्यंत लोकप्रिय पुस्तक-माला की शुरुआत 1960 के दशक में हुई जब पहली बार नागरी लिपि में उर्दू की चुनी हुई शायरी के संकलन प्रकाशित कर राजपाल एंड सन्स ने हिंदी पाठकों को उर्दू शायरी का लुत्फ़ उठाने का अवसर प्रदान किया। इस पुस्तक-माला का संपादन उर्दू के सुप्रसिद्ध संपादक प्रकाश पंडित ने किया था। हर पुस्तक में शायर के संपूर्ण लेखन में से बेहतरीन शायरी का चयन है और पाठकों की सुविधा के लिए कठिन शब्दों के अर्थ भी दिए हैं। प्रकाश पंडित ने हर शायर के जीवन और लेखन पर- जिनमें से कुछ समकालीन शायर उनके परिचित भी थे- रोचक और चुटीली भूमिकाएं लिखी हैं। आज तक इस पुस्तक-माला के अनगिनत संस्करण छप चुके हैं। अब इसे एक नई साज-सज्जा में प्रस्तुत किया जा रहा है जिसमें उर्दू शायरी के जानकार सुरेश सलिल ने हर पुस्तक में अतिरिक्त सामग्री जोड़ी है। प्रसिद्ध शायर मीर तक़ी ‘मीर’ को हुए दो सौ से ज़्यादा साल गुज़र गये पर वे जैसे अपने समय में लोकप्रिय थे, वैसे ही आज भी हैं। इसकी वजह यह है कि उन्होंने अपने दुःख की भावना को इतना प्रबल कर दिया कि बिलकुल सीधे-सादे शब्दों में कही उनकी बात हर ज़माने के लोगों को प्रभावित करने लगी।
General - Lokpriya Shayar Aur Unki Shayari - Meer Taqi Meer - Paperback
Lokpriya Shayar Aur Unki Shayari - Meer Taqi Meer - Paperback - by - Rajpal And Sons
Lokpriya Shayar Aur Unki Shayari - Meer Taqi Meer - Paperback -
- Stock: 10
- Model: RAJPAL648
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: RAJPAL648
- ISBN: 9789350643136
- ISBN: 9789350643136
- Total Pages: 100
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Paperback
- Year: 2017
₹ 150.00
Ex Tax: ₹ 150.00