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General - Lokpriya Shayar Aur Unki Shayari - Akhtar Sheerani - Paperback

General - Lokpriya Shayar Aur Unki Shayari - Akhtar Sheerani - Paperback
इस अत्यंत लोकप्रिय पुस्तक-माला की शुरुआत 1960 के दशक में हुई जब पहली बार नागरी लिपि में उर्दू की चुनी हुई शायरी के संकलन प्रकाशित कर राजपाल एण्ड सन्ज़ ने हिन्दी पाठकों को उर्दू शायरी का लुत्फ़ उठाने का अवसर प्रदान किया। इस पुस्तक-माला का संपादन उर्दू के सुप्रसिद्ध संपादक प्रकाश पंडित ने किया था। हर पुस्तक में शायर के संपूर्ण लेखन में से बेहतरीन शायरी का चयन है और पाठकों की सुविधा के लिए कठिन शब्दों के अर्थ भी दिए हैं। प्रकाश पंडित ने हर शायर के जीवन और लेखन पर-जिनमें से कुछ समकालीन शायर उनके परिचित भी थे - रोचक और चुटीली भूमिकाएं लिखी हैं। आज तक इस पुस्तक-माला के अनगिनत संस्करण छप चुके हैं। अब इसे एक नई साज-सज्जा में प्रस्तुत किया जा रहा है जिसमें उर्दू शायरी के जानकार सुरेश सलिल ने हर पुस्तक में अतिरिक्त सामग्री जोड़ी है। बीसवीं सदी की उर्दू शायरी में अख़्तर शीरानी की जगह सबसे बड़े रोमांटिक शायर की है। वे प्रकृति की खूबसूरती को नारी की शक्ल देकर अपनी शायरी में सँवारते हैं और यह नारी ही उनकी शायरी की आत्मा है और आकार भी। कभी वह सलमा के रूप में, तो कभी रेहाना के रूप में और कभी शीरीं के रूप में हमारी संवेदना में घुलती है।

General - Lokpriya Shayar Aur Unki Shayari - Akhtar Sheerani - Paperback

Lokpriya Shayar Aur Unki Shayari - Akhtar Sheerani - Paperback - by - Rajpal And Sons

Lokpriya Shayar Aur Unki Shayari - Akhtar Sheerani - Paperback -

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  • Stock: 10
  • Model: RAJPAL646
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RAJPAL646
  • ISBN: 9788170283484
  • ISBN: 9788170283484
  • Total Pages: 128
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Paperback
  • Year: 2017
₹ 125.00
Ex Tax: ₹ 125.00