General - Lokpriya Shayar Aur Unki Shayari - Ahmed Nadim Qasmi - Hardbound
वर्षों पहले नागरी लिपि में उर्दू की चुनी हुई शायरी के संकलन प्रकाशित कर राजपाल एण्ड सन्ज़ ने पुस्तक प्रकाशन की दुनिया में एक नया कदम उठाया था। उर्दू लिपि न जानने वाले लेकिन शायरी को पसंद करने वाले अनगिनत लोगों के लिए यह एक बड़ी नियामत साबित हुआ और सभी ने इससे बहुत लाभ उठाया। ज्यादातर संकलन उर्दू के सुप्रसिद्ध सम्पादक प्रकाश पंडित ने किये हैं। उन्होंने शायर के सम्पूर्ण लेखन से चयन किया है और कठिन शब्दों के अर्थ साथ ही दे दिये हैं। इसी के साथ, शायर के जीवन और कार्य पर-जिनमें से समकालीन उनके परिचित ही थे-बहुत रोचक और चुटीली भूमिकाएं लिखी हैं। ये बोलती तस्वीरें हैं जो सोने में सुहागे का काम करती हैं। अहमद नदीम कासमी ने अपनी शायरी की शुरुआत ग़ज़ल से की। ग़ज़ल में तो उन्होंने अपना नाम पैदा किया ही, साथ ही उन्होंने नज़्मों, रुबाइयों, कतओं, कहानियों, ड्रामों-साहित्य के सभी क्षेत्रों में लिखा है और बहुत खूब लिखा है। आज पाकिस्तान में अहमद नदीम कासमी का खास मुकाम है और उनकी लोकप्रियता सभी वर्ग के पाठकों में है।
General - Lokpriya Shayar Aur Unki Shayari - Ahmed Nadim Qasmi - Hardbound
Lokpriya Shayar Aur Unki Shayari - Ahmed Nadim Qasmi - Hardbound - by - Rajpal And Sons
Lokpriya Shayar Aur Unki Shayari - Ahmed Nadim Qasmi - Hardbound -
- Stock: 10
- Model: RAJPAL647
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: RAJPAL647
- ISBN: 9788170283607
- ISBN: 9788170283607
- Total Pages: 104
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hardbound
- Year: 2012
₹ 60.00
Ex Tax: ₹ 60.00