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General - Khaiyam Ki Madhushala - Hardbound

General - Khaiyam Ki Madhushala - Hardbound
बारहवीं शताब्दी के फ़ारसी शायर उमर खै़याम की रुबाइयों का, जिनमें मनुष्य जीवन की भंगुरता तथा अर्थहीनता को बड़े प्रभावी शब्दों में व्यक्त किया गया है, विश्व साहित्य में महत्त्वपूर्ण स्थान है। सात सौ वर्ष बाद उन्नीसवीं शताब्दी में एडवर्ड फिट्ज़जेरल्ड ने इसकी चुनी हुई रुबाइयों का अंग्रेज़ी अनुवाद किया तो दुनिया भर में उसकी धूम मच गई क्योंकि इस समय तक देशों में आवागमन बहुत बढ़ चुका था और अंग्रेज़ी पारस्परिक आदान-प्रदान का माध्यम बन चुकी थी। बीसवीं शताब्दी में यह तूफ़ान भारत में भी आ पहुँचा और 30 के दशक में एक दर्जन से ज़्यादा इसके अनुवाद-अनुवादकों में मैथिलीशरण गुप्त तथा सुमित्रानंदन पंत जैसे कवि भी थे-हिन्दी में प्रकाशित हुए। यह दरअसल एक नई चेतना, एक दर्शन था जिससे सभी प्रबुद्ध जन प्रभावित हो रहे थे।

General - Khaiyam Ki Madhushala - Hardbound

Khaiyam Ki Madhushala - Hardbound - by - Rajpal And Sons

Khaiyam Ki Madhushala - Hardbound -

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  • Stock: 10
  • Model: RAJPAL136
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RAJPAL136
  • ISBN: 9788170284253
  • ISBN: 9788170284253
  • Total Pages: 128
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hardbound
  • Year: 2014
₹ 145.00
Ex Tax: ₹ 145.00