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Rajpal And Sons

Rajpal and Sons was founded in 1912 in Lahore (now in Pakistan) by Shri Rajpal Malhotra, a journalist-turned-publisher. His first publication, Wisdom of the Vedas (1920) was recommended by the University of Oxford as the definitive text on Indian philosophy, and became the first book published in India to be prescribed as a textbook in the University of Oxford.


जिसने कभी दोस्ती नहीं की मानो उसने तो ज़िन्दगी जी ही नहीं गीत और शिबानी बैस्ट फ्रेंड्स हैं- गीत, जिसे काॅलेज में कोई पसन्द नहीं करता और खूबसूरत शिबानी जिससे हर कोई दोस्ती करना चाहता है। लोकप्रिय होने के लिए गीत, काॅलेज के चहेते, रुद्र की मदद लेती है। रुद्र गीत का ब्वाॅयफ्रेंड होने का नाटक करने की बा..
₹ 175.00
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A woman head of the state is still a rarity as borne out by the fact that in the last sixty years, in the one hundred and ninety-five countries of the world, there have been less than a hundred women who have reached the position of president or prime minister. Thus despite all the progress, develop..
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प्रसिद्ध लेखक कमलेश्वर की आत्मकथा के दो खंड प्रकाशित होकर बहुत लोकप्रिय हो चुके हैं। ये एक व्यक्ति से जुड़े होने पर भी अपने-आप में स्वतंत्र हैं और समय के क्रम में मोटे तौर पर ही चलते हैं। तीसरे खंड, 'जलती हुई नदी' की थीम भी एक रहस्यमयी स्त्री से बँधी आरम्भ से अंत तक चलती है। उसी के साथ वे व्यक्तियों..
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साफ़ और सीधी बात कहने वाले, जोश मलीहाबादी ने अपनी आत्मकथा उतनी ही साफ़गोई से बयां की है जितने वे खुद थे। 1898 में अविभाजित भारत में मलीहाबाद के यूनाइटिड प्राविन्स में एक साहित्यिक परिवार में उनका जन्म हुआ और नाम रखा गया, शब्बीर हसन खान। जब उन्होंने शायरी करनी शुरू की तो अपना नाम जोश मलीहाबादी रख लिय..
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उपन्यास हो, कहानी, नाटक या निबंध, हर विधा के लिए गिरिराज किशोर प्रायः सामयिक विषय को ही अपना कथानक बनाते हैं। वह कल्पना की ऊंची-ऊंची उड़ानें नहीं भरते वरन् ज़िंदगी की विविधताओं और जटिलताओं को जीने में मदद करते हैं। उपन्यास यातनाघर में विष्णु नारायण अपने आला अफसरों की तानाशाही और मनमानी झेलता-झेलता इतन..
₹ 235.00
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सकर्मक रचनाधर्मिता को सच्चे लेखन की कसौटी मानने वाले कवि-कथाकार शैलेय का यहाँ बर्फ़ गिर रही है दूसरा महत्त्वपूर्ण कहानी संग्रह है जिसमें जनप्रतिबद्धता व ज़मीनी सरोकार काफ़ी गहरे और व्यापक नज़र आते हैं। सात कहानियों का यह संग्रह इस अर्थ में भी महत्त्वपूर्ण है कि यहाँ पहाड़ी पृष्ठभूमि के बावजूद प्रकृत..
₹ 225.00
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गौतम बुद्ध के यशस्वी जीवन पर आधारित श्रेष्ठ उपन्यास-उनके व्यक्तित्व के निर्माण में करुण-कोमल यशोधरा के योगदान की मार्मिक प्रस्तुति-प्रख्यात साहित्यकार रांगेय राघव की कलम से..
₹ 195.00
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Yatna Shivir Mein - Hardbound - RAJPAL344 - Memoirs..
₹ 125.00
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विष्णु सखाराम खाण्डेकर का जन्म 19 जनवरी, 1898 को सांगली में हुआ था। बम्बई विश्वविद्यालय से मैट्रिकुलेशन की परीक्षा पास करके आगे पढ़ने के लिए फग्र्युसन कालेज में प्रवेश लिया। पर कालेज छोड़ना पड़ा और 1920 में शिरोद नामक गांव में एक स्कूल में अध्यापक हो गए। नौ वर्ष बाद खाण्डेकर जी का विवाह हुआ। 1948 मे..
₹ 425.00
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श्री विष्णु सखाराम खांडेकर का जन्म 19 जनवरी, 1898 को सांगली (महाराष्ट्र) में हुआ था। आपने बम्बई विश्वविद्यालय से मैट्रिकुलेशन की परीक्षा पास की और आगे पढ़ने के लिए फ़ग्र्युसन कॉलेज में प्रवेश किया, पर आपको कॉलेज छोड़ना पड़ा और 1920 में आप शिरोद नामक गाँव में एक स्कूल के अध्यापक हो गए। नौ वर्ष बाद खा..
₹ 375.00
Ex Tax:₹ 375.00
इस पुस्तक में राष्ट्रबंधु जी ने बालोपयोगी प्रेरणात्मक जीवनियों का संग्रह किया है।..
₹ 35.00
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अहमद फ़राज़ आज के सबसे लोकप्रिय शायर हैं। उन्हें जीते-जी ऐसी शोहरत मिली है कि आज हिन्दुस्तान और पाकिस्तान में फ़राज़ साहब की ग़ज़लों और नज़्मों को बड़े शौक से पढ़ा और सुना जाता है। ‘ये मेरी ग़ज़लें, ये मेरी नज़्में’ की विशेषता यह है कि इसमें खुद फ़राज़ साहब ने अपनी मनपसन्द बेहतरीन ग़ज़लों और नज़्मों..
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