अशरफ़ शाद पेशे से पत्रकार हैं और दिल से शायर। इस उपन्यास में उन्होंने अपनी इन दोनों ख़ूबियों का भरपूर इस्तेमाल किया है। अपनी ज़मीनों से उखड़े, पराए मुल्कों में भटकते बेवतनों के आर्थिक-सामाजिक हालात का जायज़ा अगर उनका पत्रकार, बिलकुल एक शोधार्थी की तरह लेता है, तो उन लोगों के भीतर घुमड़ते दुःख को ज़बान उनका..
भारत-पाकिस्तान विभाजन भारतीय राज्य के इतिहास का वह अध्याय है जो एक विराट त्रासदी के रूप में अनेक भारतीयों के मन पर आज भी जस-का-तस अंकित है। अपनी ज़मीनों-घरों से विस्थापित, असंख्य लोग जब नक़्शे में खींच दी गई एक रेखा के इधर और उधर की यात्रा पर निकल पड़े थे, यह न सिर्फ़ मनुष्य के जीवट की बल्कि भारतवर्ष..
भारत-पाकिस्तान विभाजन भारतीय राज्य के इतिहास का वह अध्याय है जो एक विराट त्रासदी के रूप में अनेक भारतीयों के मन पर आज भी जस-का-तस अंकित है। अपनी ज़मीनों-घरों से विस्थापित, असंख्य लोग जब नक़्शे में खींच दी गई एक रेखा के इधर और उधर की यात्रा पर निकल पड़े थे, यह न सिर्फ़ मनुष्य के जीवट की बल्कि भारतवर्ष..
हिंदी कथा-साहित्य के सुप्रसिद्ध गांधीवादी रचनाकार श्री विष्णु प्रभाकर अपने पारिवारिक परिवेश से कहानी लिखने की ओर प्रवृत्त हुए बाल्यकाल में ही उन दिनों की प्रसिद्ध ' उन्होंने पढ़ डाली थीं ।
उनकी प्रथम कहानी नवंबर 1931 के 'हिंदी मिलाप ' में छपी । इसका कथानक बताते हुए वे लिखते हैं-' परिवार का स्वामी जु..
अशफाक उल्ला खाँ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख क्रांतिकारी थे। राम प्रसाद बिस्मिल की भाँति अशफाक उल्ला खाँ भी उर्दू भाषा के बेहतरीन शायर थे। उनका उर्दू तखल्लुस ‘हसरत’ था। उर्दू के अतिरिक्त वे हिंदी व अंग्रेजी में लेख एवं कविताएँ लिखा करते थे। उनका पूरा नाम अशफाक उल्ला खाँ वारसी हसरत था।
अश..
दोनों क्रांतिकारी तुरंत अपने शिकार को पहचान गए । शाम को साढ़े पाँच बजे तक जिला परिषद् की मीटिंग की कार्यवाही नियमित रूप से चलती रही । एजेंडे के नौवें बिंदु पर विचार शुरू हुआ । डगलस जिला परिषद् के कागजों पर हस्ताक्षर कर रहा था और अपनी सम्मति भी देता जा रहा था कि अचानक सभाभवन गोली चलने की दहशत- भरी आवा..