प्रो. सब्यसाची भट्टाचार्य देश के जाने-माने इतिहासकार हैं, जिनके अध्ययन का मुख्य क्षेत्र औपनिवेशिक भारत रहा है। उनकी पुस्तक ब्रिटिश राज के वित्तीय आधार चर्चित और प्रशंसित पुस्तकों में से है।आधुनिक भारत के आर्थिक विकास पर रमेशचंद्र दत्त तथा रजनी पाम दत्त की पुस्तकें काफी पहले प्रकाशित हुई थीं, लेकिन..
‘आग हर चीज़ में बताई गई थी’ चन्द्रकान्त देवताले की कविताओं का एक ऐसा संग्रह है जिसमें प्रयुक्त शब्द, कठिन दुनिया को भाषा में खोलते और रचते हुए निरन्तर एक प्रश्न अपने आप से भी करते हैं कि एक हिंसक और मनुष्य विरोधी समाज में कविता कौन सा मिथ रच सकती है। ‘आग हर चीज़ में बताई गई थी’ में संकलित कविताएँ दुनि..
प्रस्तुत पुस्तक ‘आर्थिक संवृद्धि और विकास’ में अर्थशास्त्र में हुए नवीन विचारों, धारणाओं और सिद्धान्तों का समावेश किया गया है। प्रायः सभी अध्यायों में महत्त्वपूर्ण विषय सामग्री सम्मिलित की गई है। जटिल विषयों को सरल भाव में उदाहरणों और रेखाचित्रों द्वारा स्पष्ट किया गया है। विश्वव्यापीकरण के इस य..
हर किसी की इच्छा है कि एक बेहतर विश्व बने, जहाँ कंपनियाँ अपने हितधारकों से कुछ न छिपाते हुए अपने कामकाज के लिए प्रतिबद्धता लें और उनके कामकाज में पारदर्शिता हो। एक ऐसी वैश्विक अर्थव्यवस्था हो, जिसमें स्वतंत्र व्यपार संभव हो और सभी राष्ट्र एक दूसरे के व्यापारिक या आर्थिक हितों को नुकसान न पहुँचाते हु..
प्रो. अमर्त्य सेन की आज तक प्रकाशित सभी कृतियों में अन्यतम, जो इक्कीसवीं सदी में मनुष्य के समग्र विकास, संतुष्टि तथा सुरक्षा के लिये एक बिलकुल नवीन दर्शन प्रस्तुत करती है और जो गरीबी हटाने की कार्ययोजना का भी आधार बन सकती है। पाश्चात्य जगत में भूरि-भूरि प्रशंसित। अद्भुत...इस पुस्तक में यह तर्क अपना ..
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री प्रो. अमर्त्य सेन को विशिष्ट महत्त्व प्रदान किए जाने का मुख्य कारण यह है कि उन्होंने अर्थशास्त्र को मनुष्य के कल्याण का साधन बनाने के उद्देश्य से जोड़ा और इसके विविध पैमाने भी तैयार किए। इससे पूर्व अर्थशास्त्र को मात्र धन-संपदा का अध्ययन माना जाता था, उन्होंने ..
Contents1. Ethics of Administration —Pgs.1-3Administrative Ethics —Pgs.1The Ethics of Administration consist of three basic components —Pgs.2Specific Ethical Requirements for the Civil Service —Pgs.2Requirement for Administrative Ethics —Pgs.22. Ethics: The In-Depth Human Interface —Pgs...
आर्थिक एवं विदेश नीति से संबंधित सरदार पटेल की सोच और दृष्टिकोण अत्यंत व्यावहारिक थे। अधिक उत्पादन एवं समान वितरण उनकी आर्थिक नीति के मूल तत्त्व थे। आम जनता को उपयोगी वस्तुओं की आपूर्ति हेतु भरपूर उत्पादन सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने सरकार पर अपना प्रभाव दिखाते हुए श्रम और पूँजी निर्माण पर जोर ..
यह उपन्यास आन्दोलन और स्त्री के बिकने के बारे में है। झारखंड की राजनीतिक-सामाजिक पृष्ठभूमि में जंगल और ज़मीन के सरोकारों को रेखांकित करते हुए अल्पना मिश्र यहाँ उन स्त्रियों की पीड़ा का बखान कर रही हैं जिन्हें हरियाणा जैसे सम्पन्न इलाक़ों में, जहाँ पुरुषों के मुक़ाबले स्त्रियों की संख्या बहुत कम हो ग..
...“आज तक उनके किस पूर्वज मुख्यमंत्री ने अपनी जाति को प्रश्रय नहीं दिया? कौन से मुख्य सचिव ने अपनी बिरादरी को महत्त्वपूर्ण पद नहीं सौंपे? कभी-कभी माधव बाबू का चित्त खिन्न हो उठता। क्या इसी स्वतंत्रता के स्वप्न उन्होंने देखे थे?...”भ्रष्टाचार और जातिवाद से महमह महकती राजनीति में मुख्यमंत्री माधव बा..
औरंगज़ेब तब बादशाह नहीं बना था, शहज़ादा ही था; जब उसे समरकन्द की एक लड़ाई पर भेजा गया। लड़ते हुए जब उसकी जान पर बन आई तो उसके सिपहसालार ने उसकी रक्षा की। इससे खुश होकर औरंगज़ेब ने उसे अपनी एक अँगूठी बख्श दी। सैकड़ों बरस बाद वही अँगूठी आगरा में उस सिपहसालार के खानदानवालों से प्यारेलाल नामक एक रईस ने ख़रीदी;..