व्यासदेव प्रणीत ‘महाभारत’ ग्रन्थ में भारत के राष्ट्रीय युग-परिवर्तन का इतिहास है। वह उस दीप-स्तम्भ के समान है, जिसके प्रकाश में अतीत की चित्रावली के साथ-साथ युग-क्रान्ति के पश्चात् स्थापित होनेवाली नवीन राजसत्ता, समाज और व्यक्ति के नवीन रूप, नवीन उत्साह और नवीन आकांक्षाओं की भी झलक प्राप्त होती है। ..
इलाचन्द्र जोशी मनोवैज्ञानिक यथार्थवाद को अपने लेखन का विषय बनानेवाले ऐसे प्रमुख लेखक थे, जिनकी कृतियों की लोकप्रियता आज भी बनी हुई है। यह उपन्यास ‘संन्यासी’ इस बात का एक महत्त्वपूर्ण साक्ष्य है। आत्मकथात्मक शैली में लिखा गया यह उपन्यास सामाजिक और प्रगतिशील तत्त्वों की उपादेयता से पूर्ण एक ऐसा चरित्र..
स्वामी विवेकानन्द का व्यक्तित्व बहुआयामी था। उनके समग्र जीवन और विचारधारा को प्रस्तुत करती है यह जीवनी। स्वामी विवेकानन्द की जीवनी और विचारधारा भारतवासियों के लिए प्रारम्भ से ही प्रेरणात्मक रही है। उनके ओजस्वी विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने स्वतंत्रता से पहले थे।..