Menu
Your Cart

Fiction : Novel - Bhookh

Fiction : Novel - Bhookh
विकास और समानता के दावों के घटाटोप के नीचे असन्तोष सुलगता रहता है। राजसत्ता आँख मूँदे रहती है और स्थिरता एवं शान्ति का दावा करती रहती है। जब तक असन्तोष को क्रोध का रास्ता नहीं मिलता, तब तक ‘सब कुछ ठीकठाक है’ का भ्रम बना रहता है। छोटे-छोटे संघर्ष चलते रहते हैं और अभिजन यथास्थिति के मुग़ालते में डूबे रहते हैं। इस कथ्य को आधार बनाकर लिखा गया उपन्यास।भूख स्थानीय स्तर की एक बड़ी लड़ाई की दास्तान है। बिहार का पठारी ज़िला पलामू का गाँव खेड़ा। काग़ज़ पर शासन बिहार की सरकार का और वास्तविक क़ब्ज़ा लरातू के आदमख़ोर कुँवर का। बचे-खुचे सामन्ती दलदल की उपज कुँवर की जो जंगल का राजा, जंगल के उत्पाद का लुटेरा और आदिवासियों की अस्मत को खिलौने की तरह उछालने वाला है। तेतरी के साथ बलात्कार, बेगार-बँधुआ बनाए गए आदिवासी, सुलगता असन्तोष और दिशा देती परिवर्तनकामी शक्तियाँ कुँवर को चुनौती देती हैं। नौकरशाही कुँवर के सामने लाचार है। लेकिन दलितों के असन्तोष का क्रान्तिकारी दावानल जब भड़कता है तो कुँवर मारा जाता है।प्रख्यात बांग्ला लेखिका महाश्वेता देवी ने अन्याय के घृणित रूपों और उसके विरुद्ध चल रहे जन-संघर्ष की दहकती कथा पाठकों के समक्ष रखी है।

Fiction : Novel - Bhookh

Bhookh - by - Radhakrishna Prakashan

Bhookh -

Write a review

Please login or register to review
  • Stock: 10
  • Model: RKP2904
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RKP2904
  • ISBN: 0
  • Total Pages: 174p
  • Edition: 2022, Ed. 2nd
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Back, Paper Back
  • Year: 1998
₹ 150.00
Ex Tax: ₹ 150.00
Tags: bhookh , fiction , : , novel , hindi , gagan , notebook