प्रथम स्वतंत्रता संग्राम भारतीय इतिहास का एक ऐसा दिव्य तथा भव्य अध्याय है, जिसमें धर्म, वर्ग, जातियों की सभी दीवारें ध्वस्त हो जाती हैं और जनसमूह के रूप में भारत की आत्मा मुखर होती है| अंग्रेजी तथा वामपंथी इतिहासकार भले ही इस महासमर को गदर या विद्रोह की संज्ञा दें, परंतु यह भारतीय आत्मा की आवाज थी। ..
भाषाविज्ञान पर अब तक लिखित सभी पुस्तकों से अलग एवं विशिष्ट। प्रगामी चरण—अद्यतन भाषाविज्ञान—को व्यापकता-गहनता में विवेचित करनेवाली तथा संक्षेप में भाषाविज्ञान के विकास-क्रम को निरूपित करनेवाली प्रथम प्रामाणिक पुस्तक। यह पुस्तक एक ओर सामान्य भाषाविज्ञान से वर्णनात्मक, संरचनात्मक भाषाविज्ञान तक, मनोभाष..
भारत की प्रथम महिलाएँ—आशा रानी व्होरादूसरों की बनाई राह पर तो सभी चलते हैं। परंपराओं की गिट्टियाँ तोड़, रूढ़ियों के काँटे बीनते हुए नई पगडंडी तैयार करना सचमुच बड़े साहस और जोखिम का काम होता है। भारतीय नारी की मुक्ति और उसे वर्तमान स्तर पर लाने के लिए न जाने कितनी स्त्रियों ने यह जोखिम उठाया है। ए..
‘महात्मा गांधी-प्रथम दर्शन : प्रथम अनुभूति’ कोई पुस्तक मात्र न होकर उन अनुभूतियों का संचय है जो हमारे लिए ऐतिहासिक धरोहर हैं। गांधीजी को जिन आँखों ने देखा, जिन कानों ने सुना तथा जिन्होंने उस महामानव के साथ अपने को संबद्ध किया उनमें से अधिकांश अब हमारे बीच नहीं हैं, और जो कुछ हैं भी वे भी कुछ वर्षों ..
यूरी एलेक्सेविच गागरिन को इतिहास में प्रथम अंतरिक्ष यात्री के रूप में जाना जाता है। सन् 1961 में अचानक सुर्खियों में आनेवाले इस व्यक्तित्व को अपनी महान् उपलब्धि हासिल करने में मात्र दो घंटे ही लगे, किंतु इसकी पृष्ठभूमि में वर्षों की लगन और लक्ष्य-प्राप्ति के लिए कठिन साधना थी। मात्र 27 वर्ष की उम..
प्रथम और अंतिम मुक्ति' में जे. कृष्णमूर्ति की अंतर्दृष्टियों का व्यापक व सारगर्भित परिचय तथा उनमें सहभागिता का चुनौती-भरा निमंत्रण प्राप्त होता है। कृष्णमूर्ति की शिक्षाओं के विविध सरोकारों का समावेश इस एक पुस्तक में उपलब्ध है जो अंग्रेज़ी पुस्तक 'द फस्र्ट एंड लास्ट फ्रीडम' का अनुवाद है। इस पुस्तक क..
इसका कथानक उस प्रथम प्रेम की मार्मिकता को अभिव्यक्त करता है जिसका सम्मोहन सार्वकालिक तथा सार्वदेशिक होता है। इस उपन्यास में दो पात्र—गोपा और महिम। आज से तीस-चालीस वर्ष पहले का लखनऊ। परिपार्श्व की इस ऐकान्तिकता के साथ-साथ दो पात्रों का अपना निजपन, जहाँ किसी तीसरे का कोई अर्थ या महत्त्व नहीं। रागात्मक..
औद्योगिक क्रांति के कारण सभी बड़े देश ऐसे उपनिवेश चाहते थे, जहाँ से वे कच्चा माल पा सकें तथा मशीनों से बनाई हुई वस्तुएँ बेच सकें। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए सैनिक शक्ति बढ़ाई गई और गुप्त कूटनीतिक संधियाँ की गईं। इससे राष्ट्रों में अविश्वास और वैमनस्य बढ़ा और युद्ध अनिवार्य हो गया। ऑस्ट्रि..