Winning is a pleasant and joyful experience. It justifies one’s existence. The formula for winning is the basis of the science of creation. Hence, winning is an easy, honest and natural process.
Winning needs neither the rat race nor the prop of life. Our very birth is the beginning of victory. We ..
Judith Williamson is the ideal author to take Napoleon Hill’s writings and create reflections for her readers. When I first read the manuscript that you now have in your hands, I felt like I was back in the classroom and the course was Dr. Hill’s Science of Success.
It has been said that when the s..
माँ बनने के साथ शारीरिक, मानसिक और मनोवैज्ञानिक स्तर पर जो परिवर्तन होते हैं और अनुभूतियों में जो उतार-चढ़ाव आते हैं उनके बारे में बहुत अंतरंगता से मैं से माँ तक में बात की गयी है। साथ ही कुटुम्ब को आगे बढ़ाने के लिए जो परिवार और समाज का दबाव और अपेक्षा का बोझ एक नयी-नवेली दुल्हन पर डाला जाता है, उस..
Management Lessons from the Films of Big B is a book born out of sheer love and passion for the movies of the great legend—Amitabh Bachchan; and its journey began with the repeated watching of the films of Amitabh Bachchan, especially Deewar and the meeting-room scene where Vijay—the hero plung..
मानसिक समस्याएं सभी आम-खास लोगों के साथ होती हैं। उनसे कैसे निपटा जाये और मन की शक्ति को बढ़ाने के लिए कौन से व्यावहारिक उपाय अपनाये जायें, इस पुस्तक में अनुभवी और प्रतिष्ठित लेखक ने इसी पर प्रकाश डाला है। मानसिक विकृतियों से ग्रस्त रोगियों के लिए भी यह पुस्तक उपयोगी है। सरल-सुबोध भाषा और रोचक-बोधगम..
प्रत्येक व्यक्ति में अनेक क्षमताएँ और योग्यताएँ होती हैं जिनका विकास करके मनुष्य अपना वास्तविक रूप, अपना विराट रूप पा सकता है। इन गुणों के विकास से सफलता पाना सुलभ हो जाता है। यही इस पुस्तक का विषय है, जिसे सरल भाषा और रोचक शैली में प्रस्तुत किया गया है।..
दोस्त-दुश्मन, जानने-पहचानने वाले, घटनाएं, अपने आस-पास के समाज की सोच और उसकी मंशाएं, यहां तक कि भवन, पेड़-पौधे, जीव-जन्तु कोई नहीं बच पाया खुशवंत सिंह की पैनी नज़र और तेज़-तर्रार कलम से। अपने जीवन में जो देखा, अनुभव किया, हरेक पर उनकी कुछ यादें और धारणाएं हैं तो उस अत्यंत रोचक पुस्तक में प्रस्तुत है..
दोस्त-दुश्मन, जानने-पहचानने वाले, घटनाएं, अपने आस-पास के समाज की सोच और उसकी मंशाएं, यहां तक कि भवन, पेड़-पौधे, जीव-जन्तु कोई नहीं बच पाया खुशवंत सिंह की पैनी नज़र और तेज़-तर्रार कलम से। अपने जीवन में जो देखा, अनुभव किया, हरेक पर उनकी कुछ यादें और धारणाएं हैं तो उस अत्यंत रोचक पुस्तक में प्रस्तुत है..
मोहन राकेश की ज़िन्दगी एक खुली किताब रही है। उसने जो कुछ लिखा और किया-वह दुनिया को मालूम है। लेकिन उसने जो कुछ जिया-यह सिर्फ़ उसे मालूम था! अपनी साँसों की कहानी उसने डायरियों में दर्ज की है। और कितना तकलीफ़देह है यह एहसास कि राकेश जैसा लेखक अपने अनुभवों की कहानियाँ दुनिया के लिए लिख जाए और अपने व्यक्त..