‘दिवाला से दीवाली तक’ भारतीय रेल के अभूतपूर्व कायाकल्प की आँखोंदेखी अंतर्कथा पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करती है, जिसने तब परिणाम दिए जब परंपरागत नुस्खे लागू नहीं किए जा सकते थे।-मोंटेक सिंह आहलूवालिया, उपाध्यक्ष, योजना आयोग, भारत सरकार ‘इस पुस्तक में इस तथ्य को बखूबी प्रस्तुत किया गया है कि प्रभावी ने..