‘‘दिव्या विजय अंतर्मन के बीच बेहद सहजता के साथ उतरती हैं और सधे हुए कौशल के साथ अंतर्द्वंदो के क्षणों को चुनती हैं। उनकी यह सहजता और उनका यह सधाव चकित करता है। इन कहानियों के मर्म की अनुगूँजें लम्बे समय तक पाठकों के भीतर बनी रहती हैं और भरोसा दिलाती हैं कि आने वाले समय में दिव्या विजय अपनी खास पहचान..