बिकल मन/ठहरो/हम उपेक्षा नहीं करते/किसी की आवाज़ की/और फिर वह/गली/सागर पार/निर्जन, कहीं से भी आए!’केदार जी सबकी आवाज़ सुनते हैं। प्रकृति का कण-कण। घर का कोना-कोना, मन का रेशा-रेशा; जहाँ भी स्पन्दन है, केदार जी की कविता अपनी पूरी संवेदना के साथ वहाँ पहुँच जाती है। हर स्वर की प्रतिध्वनि को व्यक्त करन..
2017 में ‘पद्मश्री’ और 2012 में ‘व्यास सम्मान’ से अलंकृत नरेन्द्र कोहली की गणना हिन्दी के प्रमुख साहित्यकारों में होती है। 1947 के बाद के हिन्दी साहित्य में उनका योगदान अमूल्य है। उन्होंने प्राचीन महाकाव्यों को आधुनिक पाठकों के लिए गद्य रूप में लिखने का एक नया चलन शुरू किया और पौराणिक कथानकों पर अने..
मैं कट सकता हूँ, मगर झुक नहीं सकता,’ यदि कोई इस विचारधारा में बह रहा है तो समझ लें, उसका पतन निश्चित है। ऐसे इनसान का अज्ञान चरम सीमा पर है। छोटे और अस्थायी लाभ में अटककर, वह सबसे मुख्य (पृथ्वी) लक्ष्य से दूर जा रहा है। ऐसी गलती किसी से न हो, इसलिए ‘अभिमान को अभी जान’ मंत्र द्वारा अहंकार को जड़ स..
यह पुस्तक केवल पुस्तक ही नहीं है, बल्कि एक ऐसी व्याकरण अभ्यास-पुस्तिका है जिसे पढ़ने के बाद आप बख़ूबी समझ जाएँगे कि इसे आप तक पहुँचाने की आवश्यकता क्यों पड़ी। शिरोरेखा किसे कहते हैं; यह क्यों आवश्यक है; नुक्ता क्या है; बिन्दु-चन्द्रबिन्दु का प्रयोग कब-कब किया जाता है; श को कैसे-कब लिखा जाता है; ड/ड़ औ..
यशपाल के लेखकीय सरोकारों का उत्स सामाजिक परिवर्तन की उनकी आकांक्षा, वैचारिक प्रतिबद्धता और परिष्कृत न्याय-बुद्धि है। यह आधारभूत प्रस्थान बिन्दु उनके उपन्यासों में जितनी स्पष्टता के साथ व्यक्त हुए हैं, उनकी कहानियों में वह ज़्यादा तरल रूप में, ज़्यादा गहराई के साथ कथानक की शिल्प और शैली में न्यस्त ..
कच उठ बैठा। उसने आचार्य के चरण छुए।
“जीवेम शरद: शतम्।” आचार्य ने कहा।
कच ने एक विजयी दृष्टि जयंती पर डाली। वह भी सफलता पर मुसकरा रही थी।
“आपने अपना ज्ञान दिया, मैं कृतज्ञ हुआ, आचार्य!” कच ने विजयोन्माद में कहा।
“क्या!” आचार्य का मुख खुला-का-खुला रह गया। उन्हें ऐसा लगा जैसे विस्फोट हो गया है। धधक..
आधुनिक शिक्षा व्यवस्था केवल उच्च और मध्यम वर्गों की सेवा करती है। निम्न-मध्य और निम्न वर्गों के विद्यार्थी इसमें अपनी वास्तविकताओं के बरक्स खड़ी दुनियाओं के अनुकरण से ज़्यादा कुछ हासिल नहीं करते। कुछ प्रयास इस दिशा में ज़रूर हुए हैं कि वंचित और हाशिए पर पड़े लोगों तक शिक्षा पहुँचे, लेकिन वह किस रूप म..
अंग्रेज़ी-हिंदी .अभिव्यक्ति कोश हिंदी के प्रगामी प्रयोग के लिए राजभाषा विभाग (गृह मंत्रालय) बराबर जोर दे रहा है । इस प्रक्रिया को सुलभ व सरल बनाने के लिए और राजभाषा प्रेमियों की सुविधा के लिए केंद्र तथा राज्य स्तर पर अनेक महत्त्वपूर्ण शब्दकोशों का निर्माण किया गया है । ये सभी कोश शब्दों पर ही अधिक ..
इक्कीसवीं सदी पूर्णत: विज्ञान की सदी है। विज्ञान के क्षेत्र में अनेकानेक अन्वेषण हो रहे हैं। अंतरिक्ष अन्वेषण अब एक महत्त्वपूर्ण विषय बन गया है। इस क्षेत्र में आज तक ब्रह्मांड के अनेक पिंडों—सूर्य, बुध, शुक्र, पृथ्वी का चंद्रमा, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस, नेप्चून, प्लेटो तथा अन्य अनेक क्षुद्र ग्रह..
धार्मिक और दार्शनिक दृष्टि से भक्ति साहित्य का विवेचन एवं विश्लेषण जितनी पर्याप्त मात्रा में मिलता है, उतनी पर्याप्त मात्रा में सामाजिक दृष्टि को ध्यान में रखकर किया गया विश्लेषण नहीं मिलता। उसमें भी ‘समरसता’ जैसी अधुनातन अवधारणा को केन्द्र में रखकर भक्ति साहित्य का विवेचन तो आज तक किसी ने नहीं किय..
अविनाश मिश्र कविता के अति विशिष्ट युवा हस्ताक्षर हैं। इस संग्रह में शामिल कविताएँ एक लम्बी कविता के दो खंडों के अलग-अलग चरणों के रूप में प्रस्तुत की गई हैं। कवि प्रेम में आता है और साथ लेकर आता है—‘कामसूत्र’। ‘वात्स्यायन’ कृत कामसूत्र। इसी संयोग से इन कविताओं का जन्म होता है। कवि प्रेम और कामरत प्रे..