यह पुस्तक अपने कर्म, वाणी, व्यवहार, दूरदर्शिता, सामाजिकता और राष्ट्रभाव से संपूर्ण समाज को प्रेरित करनेवाली महान् विभूतियों के अनुकरणीय जीवन का वह प्रकाशपुंज है, जो हर पाठक के जीवन पथ को आलोकित करेगा।
समाज, साहित्य, विज्ञान, खेल, राजनीति, सेना आदि क्षेत्रों के मूर्धन्य और अग्रणी महानुभाव—महात्मा गा..
यह पुस्तक अपने कर्म, वाणी, व्यवहार, दूरदर्शिता, सामाजिकता और राष्ट्रभाव से संपूर्ण समाज को प्रेरित करनेवाली महान् विभूतियों के अनुकरणीय जीवन का वह प्रकाशपुंज है, जो हर पाठक के जीवन पथ को आलोकित करेगा।
समाज, साहित्य, विज्ञान, खेल, राजनीति, सेना आदि क्षेत्रों के मूर्धन्य और अग्रणी महानुभाव—महात्मा गा..
इस पुस्तक में 100 CC बाइक से अकेले भोपाल से भोपाल के बीच 3850 किलोमीटर के सफर को बताया गया है, जो 12 दिन में पूरा हुआ। इस दौरान लेखक का भारत के सात राज्यों—मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान और एक केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ में जाना हुआ। इस सफर के दौरान ए..
‘1000 भारतीय संस्कृति प्रश्नोत्तरी’ पाठकों को भारतीय संस्कृति से संबद्ध—प्राचीन एवं नवीन—विभिन्न जानकारियों, वस्तुनिष्ठ तथ्यों व महत्वपूर्ण संदर्भों से परिचित कराएगी। इसे पढ़कर पाठकगण भारतीय संस्कृति से संबद्ध ग्रंथों व उनके रचनाकारों; महत्त्वपूर्ण तिथियों, दिवसों, पक्षों, माहों व व्रतों; विभिन्न अं..
क्या आप जानते हैं-' वह कौन पांडव वंशज था, जिसने एक बार अनजाने में ही भीम को मल्ल-युद्ध में पराजित कर दिया था ', ' धृतराष्ट्र का वह कौन पुत्र था, जो महाभारत युद्ध में जीवित बच गया था ', ' किस वीर से युद्ध करते हुए अर्जुन की मृत्यु हो गई थी ', ' द्रौपदी को ' याज्ञसेनी ' क्यों कहते थे ', ' हस्तिनापुर ..
बीसवीं शताब्दी के लगभग अंतिम दशक में मीडिया ने एक विषय और एक व्यवसाय दोनों ही दृष्टियों से अभूतपूर्व विस्तार प्राप्त कर लिया है। वर्तमान में यह इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया, विज्ञापन, जन-संपर्क जैसे प्रचलित रूपों तक ही सीमित नहीं रहा है। आज उद्योग के क्षेत्र में दिन-प्रतिदिन होती प्रगति के साथ..
हमारी पृथ्वी का एक नाम ' वसुधा ' भी है । ' वसुधैव कुटुम्बकम् ' भारतीय संस्कृति का उद्घोष है । हमारी वसुधा, जो इनसानों, पशु-पक्षियों और वनस्पतियों का घर है, संकट से घिरी है । वातावरण के प्रदूषण ने उसका गला घोंट रखा है । औद्योगिक विकास की गति बढ़ने से, शहरीकरण और वाहनों की बढ़ती संख्या से वायु-प्रदूषण ..
एक पृथक् व स्वतंत्र विषय के रूप में समाजशास्त्र का प्रादुर्भाव पिछली शताब्दी में ही हुआ है । मनु, कौटिल्य, कन्फ्यूशियस, लाओत्से, प्लूटो, सुकरात तथा अरस्तू आदि अनेक प्रसिद्ध सामाजिक दार्शनिक हुए हैं । सामाजिक घटनाओं के व्यवस्थित व क्रमबद्ध अध्ययन तथा विश्लेषण हेतु एक पृथक् एवं स्वतंत्र विज्ञान समाज..
विश्व के सबसे बड़े स्वयंसेवी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की उपस्थिति समाज के लगभग हर क्षेत्र में अनुभव की जा सकती है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बारे में चाहे किसी भी विरोधी या आलोचक ने कुछ भी आरोप क्यों न लगाया हो, कुछ भी कहा हो; परंतु जब भी अपने देशवासियों पर विपत्ति आई है, संघ के स्वयंसेवकों न..
आज़ादी से समानता, न्याय और समृद्धि के सपने जुड़े थे। लेकिन सातवें दशक में मोहभंग हुआ और उसकी तीव्रतम अभिव्यक्ति नक्सलवादी आन्दोलन में हुई। इस आन्दोलन ने मध्यवर्ग को झकझोर डाला। अभिजात कुल में उत्पन्न व्रती जैसे मेधावी नौजवानों ने इसमें आहुति दी और मुर्दाघर में पड़ी लाश नम्बर 1084 बन गया। उसकी माँ व्र..