शिक्षा - Vaidik Beejganit
भारतीय संस्कृति की महानता का मूल ज्ञान गणित ही है, जिसका आदि स्रोत वैदिक वाड्मय है । आठ वर्ष सतत साधना के उपरांत जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री भारतीकृह्यातीर्थजी ने इस मान्यता को और बल दिया । स्वामीजी द्वारा वेदों से प्राप्त गणितीय सूत्रों को आधार बनाकर सरल- सुबोध भाषा में प्रस्तुत पुस्तक की रचना की गई है., जिसका उद्देश्य वैदिक गणित के प्रचार एवं प्रसार के साथ-साथ राष्ट्रीय गौरव की अभिवृद्धि करना है । वैदिक गणित द्वारा न केवल अंकगणित, वरन् बीजगणित की सभी शाखाओं के प्रश्न शीघ्रता से हल किए जा सकते हैं ।
वैदिक बीजगणित में बीजगणित के प्रारंभिक प्रकरणों-बहुपदों के योग, व्यवकलन, गुणन, विभाजन, समीकरण, युगपत् समीकरण, आशिक शिन्न आदि से संबंधित प्रश्नों को आसान वैदिक रीति से हल करने के तरीके समझाए गए हैं । वैदिक विधियों के अनुप्रयोग को समझने के बाद छात्र अपनी बुद्धि और कौशल द्वारा उच्च बीजगणितीय प्रश्नों को हल करने की क्षमता व दक्षता प्राप्त कर सकेंगे । इस पुस्तक में कुछ नवीन सूत्रों का समावेश हुआ है, जो शोध के क्षेत्र में नए आयाम खोलेंगे ।
प्रस्तुत पुस्तक की वैदिक विधियाँ इतनी सरल, सुग्राह्य एवं सुस्पष्ट हैं कि न केवल गणित के विधार्थी, अपितु जनसामान्य भी सहज रूप से इन विधियों को आत्मसात् कर अपनी अनेक समस्याओं का निराकरण कर सकता है ।
शिक्षा - Vaidik Beejganit
Vaidik Beejganit - by - Prabhat Prakashan
Vaidik Beejganit - भारतीय संस्कृति की महानता का मूल ज्ञान गणित ही है, जिसका आदि स्रोत वैदिक वाड्मय है । आठ वर्ष सतत साधना के उपरांत जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री भारतीकृह्यातीर्थजी ने इस मान्यता को और बल दिया । स्वामीजी द्वारा वेदों से प्राप्त गणितीय सूत्रों को आधार बनाकर सरल- सुबोध भाषा में प्रस्तुत पुस्तक की रचना की गई है.
- Stock: 10
- Model: PP2807
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP2807
- ISBN: 9789383110667
- ISBN: 9789383110667
- Total Pages: 180
- Edition: Edition 1st
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Cover
- Year: 2018
₹ 350.00
Ex Tax: ₹ 350.00