शिक्षा - Shiksha Ke Dwandwa
शिक्षा के बारे में एक विचार सदैव
आपके-हमारे मन पर हावी रहता है और वह यह कि बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी केवल और केवल शिक्षक की ही है। जरा सोचिए, आखिर बच्चे स्कूल क्यों जाते हैं? पढ़ने के लिए न! कौन पढ़ाता है? शिक्षक। तो इस लिहाज से बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी शिक्षक की ही हुई।
शिक्षा के संदर्भ में यह सवाल अकसर उठता है कि क्या शिक्षा केवल स्कूल से जुड़ी हुई है? नहीं। लेखक की दृष्टि में शिक्षा और स्कूलिंग दो अलग-अलग अवधारणाएँ हैं। शिक्षा एक बृहत् संकल्पना है और स्कूलिंग संकीर्ण संकल्पना। । 'शिक्षा के द्वंद्व' शिक्षा से जुड़े अनेक चिंतनीय और संवेदनशील मुद्दों पर बहुत खुलकर आपकी-हमारी चेतना की परीक्षा लेती है और हमारे चिंतन को जाग्रत् भी करती है; टिप्पणी करती है और सवाल भी उठाती है। मूल्य, धर्म, अभिभावक, शिक्षक, स्कूल, नीतियाँ और भारतीय समाज-सभी के संदर्भ में गहन चर्चा करती है। यह पुस्तक उन सभी के चिंतन को दिशा देती है, जो शिक्षा एवं इससे जुड़े मुद्दों को गहराई से समझना चाहते हैं। । शिक्षा, बच्चों और समाज से सरोकार रखने वाले हर आयु-वर्ग के पाठक के लिए एक पठनीय पुस्तक है।अनुक्रममनोगतम् —Pgs. 7प्राक्कथन —Pgs. 11आभार —Pgs. 16दोराहे पर खड़ी है शिक्षा —Pgs. 19अभिभावकों की समस्याएँ —Pgs. 35स्कूलों में क्या हो रहा है? —Pgs. 42शिक्षक और बच्चों में संबंध —Pgs. 61अभिभावक शिक्षा का अभिन्न हिस्सा हैं —Pgs. 74शिक्षा और अभिभावकों का दायित्व —Pgs. 88शिक्षा और मूल्य —Pgs. 100क्या है शिक्षा —Pgs. 117बच्चे : जीवन, शिक्षा और क्षमताएँ —Pgs. 145धर्म और शिक्षा —Pgs. 160नई शिक्षा नीति : अपेक्षाएँ —Pgs. 168
शिक्षा - Shiksha Ke Dwandwa
Shiksha Ke Dwandwa - by - Prabhat Prakashan
Shiksha Ke Dwandwa - शिक्षा के बारे में एक विचार सदैव आपके-हमारे मन पर हावी रहता है और वह यह कि बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी केवल और केवल शिक्षक की ही है। जरा सोचिए, आखिर बच्चे स्कूल क्यों जाते हैं?
- Stock: 10
- Model: PP2793
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP2793
- ISBN: 9789353226329
- ISBN: 9789353226329
- Total Pages: 176
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Cover
- Year: 2019
₹ 350.00
Ex Tax: ₹ 350.00