व्यक्तित्व विकास : सैल्फहैल्प - Maa Ka Dard Kya Vo Samjhta Hai
एक किताब उन सबके लिए, जिन्हें कष्ट और नुकसान से जूझना पड़ा।
यदि ईश्वर है, जो सबकुछ जानता है, सर्वशक्तिमान है और करुणामय भी है, तो चारों तरफ इतना असहनीय दुःख क्यों?
हमारे धार्मिक शास्त्रों में कष्ट पर सफाई में क्या कहा गया है? क्या वह सफाई जाँच में टिक पाती है?
क्या हमारा अनुभव इस बात को स्वीकार करता है कि ईश्वर है? या फिर दो शैतान— समय और संयोग उन सबका कारण है, जिनसे हमें गुजरना पड़ता है?
दुःख और कष्ट का अनुभव कर चुके अरुण शौरी ने शास्त्रों की अग्नि-परीक्षा ली और फिर हमें बताया कि क्यों अंततः उनका झुकाव बुद्ध की शिक्षा की ओर हुआ। उनकी शिक्षा में हमारे दैनिक जीवन के लिए कौन से संदेश हैं?अनुक्रम1. तात मात गुरु सा तू.— Pgs. 72. उसकी चिंताएँ, उसकी परीक्षा —Pgs. 323. तो आप किसे जिम्मेदार मानते हैं? —Pgs. 554. क्या ये व्याया हैं? —Pgs. 1045. यदि, ‘एक भी पा उसकी इच्छा के बिना नहीं गिरता, लेकिन इससे भी उसके किसी उद्देश्य की पूर्ति होती है...’ —Pgs. 1256. ईश्वर से अलग दो संत —Pgs. 1667. यदि संसार में सबकुछ मिथ्या है तो ‘कर्म’ यथार्थ कैसे है? —Pgs. 2368. प्रतीति जितना मिथ्या —Pgs. 2659. सहारे को हटाना —Pgs. 29310. हममें से हर कोई सेवकों का सेवक तो बन ही सकता है —Pgs. 33011. उपसंहार —Pgs. 358
व्यक्तित्व विकास : सैल्फहैल्प - Maa Ka Dard Kya Vo Samjhta Hai
Maa Ka Dard Kya Vo Samjhta Hai - by - Prabhat Prakashan
Maa Ka Dard Kya Vo Samjhta Hai - एक किताब उन सबके लिए, जिन्हें कष्ट और नुकसान से जूझना पड़ा। यदि ईश्वर है, जो सबकुछ जानता है, सर्वशक्तिमान है और करुणामय भी है, तो चारों तरफ इतना असहनीय दुःख क्यों?
- Stock: 10
- Model: PP2498
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP2498
- ISBN: 9789351865780
- ISBN: 9789351865780
- Total Pages: 360
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Cover
- Year: 2016
₹ 500.00
Ex Tax: ₹ 500.00