वर्तमान युग में जैव प्रौद्योगिकी, नैनो-प्रौद्योगिकी तथा बायो-नैनोटेक्नोलॉजी बहुआयामी तथा बहूपयोगी तकनीकें हैं, जिनका सदुपयोग मानव कल्याण एवं संधारणीय विकास के लिए देश-विदेश में हो रहा है। यह सर्वविदित तथ्य है कि समुद्र हमारे बहुत ही महत्त्वपूर्ण संसाधन हैं, जो चिरकाल तक हमें अनेकानेक वस्तुओं के प्रद..
आज का युग विज्ञान का युग है । विज्ञान की निरंतर खोजों से मानव प्रगति के सोपान- पर-सोपान चढ़ता चला जा रहा है । ब्रह्मांड के सब रहस्यों को वह विज्ञान के सहारे जान लेना चाहता है । इम संबंध में बड़े-बड़े अनुसंधान कार्य हो रहे हैं । विज्ञान आज विभिन्न रूपों में मानव की सेवा का रहा है । विज्ञान-प्रदत्त अनेक..
सूकर पालन हमारे देश में मुख्य व्यवसाय के रूप में उभर रहा है, जिसकी लोकप्रियता दिन-प्रति-दिन बढ़ती ही जा रही है, परंतु सूकर पालन विज्ञान पर हिंदी में प्रामाणिक पुस्तकों का बहुत अभाव है। इस अभाव को देखते हुए यह पाठ्य-पुस्तक पशु विज्ञान के स्नातक, स्नातकोत्तर एवं पी-एच.डी. छात्रों के साथ-साथ शोधकर्ता, ..
क्या आपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में सुना है? जरूर सुना होगा, लेकिन अगर आपसे पूछा जाए कि वह क्या है तो क्या आप बता सकेंगे ? यह पुस्तक पढ़िए और आत्मविश्वास के साथ न सिर्फ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बल्कि दर्जनों दूसरी आधुनिक तकनीकों को जानिए-समझिए |प्रसिद्ध तकनीकविद् बालेन्दु शर्मा दाधीच की प..
अंतरिक्ष सदैव ही मानव के लिए रहस्यमय रहा है और अंतरिक्ष विज्ञान भी उतना ही प्राचीन है जितना कि स्वयं मानव।
भारत ने सर्वप्रथम 19 अप्रैल, 1975 को ‘आर्यभट्ट’ नामक उपग्रह का सफल प्रक्षेपण किया। उस समय अंतरिक्ष कार्यक्रम के क्षेत्र में भारत का स्थान विश्व में 11वाँ था, जो कि संप्रति छठे स्थान पर जा पहु..
कल्पना कीजिए कि हमारे पास साबुन न होता, शौचालय का फ्लश न होता, कपड़े न होते, बिजली न होती, थर्मामीटर न होता तो हमें कितनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता । हम अपने दैनिक जीवन में अनेक छोटी-बड़ी चीजों का उपयोग करते हैं । देखने में इन अत्यंत साधारण वस्तुओं के पीछे अनेक आविष्कारकों का परिश्रम छिपा है, जिन्ह..
इस पुस्तक के माध्यम से वैज्ञानिक चेतना का संचार हो सके तथा आज के विज्ञान के छात्र-छात्राएँ एवं भावी वैज्ञानिक, इसमें वर्णित महिला वैज्ञानिकों की अदम्य लगन से सीख ले सकेंगे कि धनाभाव अथवा कठिनाइयाँ भी दृढ़ विश्वासी की सफलता में बाधक नहीं हो सकतीं। इस विश्वास के साथ यह पुस्तक वैज्ञानिक दृष्टिकोण रख..