विज्ञान - Jaiv Praudyogiki Ka Sansar
जैव-प्रौद्योगिकी एक नई और बहुआयामी तकनीक है। इसकी सहायता से समूची जीवित कोशिका अथवा उसके भाग का प्रयोगशाला में प्रयोग करके एक नया परिवर्धित अंश खोजा जाता है और मानव की सेवा में उसका पूरा उपयोग किया जाता है। आजकल पूरे विश्व में आधुनिक विकास का प्रतीक बनकर आई जैव-प्रौद्योगिकी या बायो-टेक्नोलॉजी की लहर-सी चल रही है।
इस पुस्तक में जैव-प्रौद्योगिकी से संबंधित समस्त पहलुओं, जैसे—जैव-प्रौद्योगिकी का ऐतिहासिक परिदृश्य, परिभाषा, कार्यक्षेत्र, कोशिका एवं डी.एन.ए., कृषि, पशुपालन, पर्यावरण स्वच्छता एवं प्रदूषण-निवारण, जैव ज्ञानिक, खनन उद्योग, धातु-संक्षारण, पेट्रोलियम उद्योग, चर्म उद्योग, जैविक युद्ध एवं जैव आतंकवाद, परखनली वन, जीन बैंक, जैव-उर्वरक एवं जैव-कीटनाशी, टीका विकास एवं चिकित्सा के क्षेत्र में विविध उपयोग, क्लोनिंग, मानव जीनोम, जीनोम अनुसंधान से विविध क्षेत्रों में लाभ, संरचना जीनोमिक्स, प्रोटियोमिक्स, जैव-प्रौद्योगिकी का भविष्य एवं चुनौतियाँ तथा जैव-सूचना विज्ञान से संबंधित जानकारी अत्यंत ही सरल एवं सुबोध भाषा में चित्रों सहित उपलब्ध है।
विश्वास है, प्रस्तुत पुस्तक को पढ़कर पाठकगण जैव-प्रौद्योगिकी के समस्त पहलुओं की अधिकाधिक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
विज्ञान - Jaiv Praudyogiki Ka Sansar
Jaiv Praudyogiki Ka Sansar - by - Prabhat Prakashan
Jaiv Praudyogiki Ka Sansar - जैव-प्रौद्योगिकी एक नई और बहुआयामी तकनीक है। इसकी सहायता से समूची जीवित कोशिका अथवा उसके भाग का प्रयोगशाला में प्रयोग करके एक नया परिवर्धित अंश खोजा जाता है और मानव की सेवा में उसका पूरा उपयोग किया जाता है। आजकल पूरे विश्व में आधुनिक विकास का प्रतीक बनकर आई जैव-प्रौद्योगिकी या बायो-टेक्नोलॉजी की लहर-सी चल रही है। इस पुस्तक में जैव-प्रौद्योगिकी से संबंधित समस्त पहलुओं, जैसे—जैव-प्रौद्योगिकी का ऐतिहासिक परिदृश्य, परिभाषा, कार्यक्षेत्र, कोशिका एवं डी.
- Stock: 10
- Model: PP2430
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP2430
- ISBN: 9789386871565
- ISBN: 9789386871565
- Total Pages: 256
- Edition: Edition 1st
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Cover
- Year: 2018
₹ 500.00
Ex Tax: ₹ 500.00