विज्ञान - Nano Sansar
सदियों से मानव द्वारा नैनो सामग्रियों का उपयोग किया जा रहा है, यह जाने बिना कि उन सामग्रियों का बीमा क्या है। यद्यपि प्रयोगशाला में नैनोकणों का सर्वप्रथम निर्माण 1857 ई. में माइकेल फैराडे द्वारा किया गया था; परंतु नैनो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विषय ने पिछले 10 वर्षों में अपार महत्ता हासिल की है। यह आंशिक रूप से यंत्रों के लघु रूपांतरण में अभिरुचि के कारण हुआ है। वैज्ञानिक भी नैनो आकार होने पर सामग्रियों के असामान्य गुणों को देखकर आश्चर्यचकित होते रहे हैं।
नैनो सामग्रियों में शामिल है नैनोकण, नैनोतार, नैनोनली, नैनोझिल्ली एवं अन्य कई पदार्थ; जिसमें से कार्बन नैनोनली अत्यधिक लोकप्रिय हुई है। पिछले तीन-चार वर्षों में ग्राफीन ने भौतिकी, रसायन विज्ञान एवं पदार्थ विज्ञान में बहुत सुर्खियाँ पाई हैं। इस पुस्तक की विषय-वस्तु नैनो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की प्रकृति, नैनो सामग्रियों के बनाने की विधियों, गुणों, घटनाओं एवं अनुप्रयोग सहित सभी पहलुओं की जानकारी देने के लिए पर्याप्त है।
आशा है, छात्रों, शिक्षकों एवं गहन अभिरुचि के नवीनतम रोचक विषय को पढ़ने के इच्छुक अन्य लोगों के लिए भी यह पुस्तक उपयोगी सिद्ध होगी।अनुक्रमलेखकीय — Pg. 5अनुवादक की कलम से — Pg. 7उद्देश्य — Pg. 111. परिचय — Pg. 132. नैनो सामग्री (Nano Materials) — Pg. 323. नैनो सामग्री के गुण (Properties of Nano Materials) — Pg. 404. नैनो वस्तुओं को देखना — Pg. 465. नैनो सामग्रियों को बनाना (Preparation of Nano Materials) — Pg. 596. नैनो विज्ञान से नैनो प्रौद्योगिकी (From Nanoscience to Nanotechnology) — Pg. 717. नैनो पदार्थ के उपयोग (Applications of Nano Materials) — Pg. 79
विज्ञान - Nano Sansar
Nano Sansar - by - Prabhat Prakashan
Nano Sansar - सदियों से मानव द्वारा नैनो सामग्रियों का उपयोग किया जा रहा है, यह जाने बिना कि उन सामग्रियों का बीमा क्या है। यद्यपि प्रयोगशाला में नैनोकणों का सर्वप्रथम निर्माण 1857 ई.
- Stock: 10
- Model: PP2428
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP2428
- ISBN: 9789352660100
- ISBN: 9789352660100
- Total Pages: 120
- Edition: Edition 1
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Cover
- Year: 2017
₹ 200.00
Ex Tax: ₹ 200.00