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लेख : निबंध : पत्र - Main Chanakya Bol Raha Hoon

लेख : निबंध : पत्र - Main Chanakya Bol Raha Hoon
विशाल साम्राज्य खड़ा करनेवाले चंद्रगुप्‍त मौर्य के गुरु तथा विश्‍व-प्रसिद्ध आचार्य विष्णुगुप्‍त चाणक्य बचपन में अन्य बालकों से भिन्न एक असाधारण बालक थे। उनके पिता चणक एक शिक्षक थे, इसलिए चाणक्य भी अपने पिता का अनुसरण करके शिक्षक बनना चाहते थे। उन्होंने तक्षशिला विश्‍वविद्यालय में राजनीति और अर्थशास्‍‍त्र की शिक्षा ग्रहण की। इसके पूर्व उन्होंने बचपन में ही वेद, पुराण इत्यादि वैदिक साहित्य का अध्ययन कर लिया था। उनका ग्रंथ ‘चाणक्य नीति’ साहित्य की अमूल्य निधि है। आचार्य चाणक्य ने अपने जीवन में जो कहा, वह इतिहास बन गया। उनके कथन उदाहरण बन गए। उनके कथन उस काल में जितने महत्त्वपूर्ण थे, आज भी वे उतने ही प्रासंगिक हैं। उनका एक-एक कथन अनुभवों की कसौटी पर कसा खरे सोने जैसा है। 2,300 वर्ष पहले लिखे गए चाणक्य के ये शब्द आज भी हमारा मार्गदर्शन करते हैं। अगर उनकी राजनीति के सिद्धांतों का थोड़ा भी पालन किया जाए तो कोई भी राष्‍ट्र महान्, अग्रदूत और अनुकरणीय बन सकता है। आचार्य चाणक्य के सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, कूटनीतिक तथा सभी प्रासंगिक विषयों के प्रेरणाप्रद सूत्र वाक्यों का प्रामाणिक संकलन।

लेख : निबंध : पत्र - Main Chanakya Bol Raha Hoon

Main Chanakya Bol Raha Hoon - by - Prabhat Prakashan

Main Chanakya Bol Raha Hoon -

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  • Stock: 10
  • Model: PP2379
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: PP2379
  • ISBN: 9789383111138
  • ISBN: 9789383111138
  • Total Pages: 128
  • Edition: Edition 1st
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Cover
  • Year: 2016
₹ 250.00
Ex Tax: ₹ 250.00