राजनीति : सामाजिक - Rashtriya Swayamsewak Sangh
संघ का विश्वास है कि राजनीति किसी राष्ट्र के जीवन का अभिन्न अंग होती है, परन्तु राष्ट्र का सम्पूर्ण जीवन राजनीति ही नहीं हैं। सामाजिक परिवर्तन केवल राजनीति के माध्यम से नहीं लाए जा सकते। उस उद्देश्य की पूर्ति के लिए जनसाधारण की शक्ति अर्थात् लोकशक्ति को जाग्रत् करना होगा और लोकशक्ति को सत्ता की राजनीति के माध्यम से जाग्रत् नहीं किया जा सकता। सत्ता की राजनीति जीवन का सार या एकमात्र उद्देश्य नहीं है और न इसे सर्वशक्तिमान माना जा सकता है। समाज की शक्ति राज्य की शक्ति से ऊपर होती है। जब जयप्रकाश बाबू लोकशक्ति की बात करते थे और यह कहते थे कि राज्य की शक्ति जो जनता पर निर्भर करती है तो वे इसी सिद्धांत का प्रतिपादन कर रहे होते थे।
राजनीति : सामाजिक - Rashtriya Swayamsewak Sangh
Rashtriya Swayamsewak Sangh - by - Prabhat Prakashan
Rashtriya Swayamsewak Sangh -
- Stock: 10
- Model: PP2205
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP2205
- ISBN: 9789350480373
- ISBN: 9789350480373
- Total Pages: 208
- Edition: Edition 1st
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Cover
- Year: 2015
₹ 250.00
Ex Tax: ₹ 250.00