राजनीति : सामाजिक - Bharat Ke Mahan Bhashan
स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है। जब तक यह भावना मुझमें जाग्रत है, मैं बूढ़ा नहीं हो सकता। आत्मा को न तो शस्त्र भेद सकता है, न अग्नि जला सकती है, न जल गला सकता है और न वायु सुखा सकती है।''
-बाल गंगाधर तिलक
'' साथियों, स्वतंत्रता के युद्ध में मेरे साथियो! मैं आपसे एक ही चीज माँगता हूँ, आपसे अपना खून माँगता हूँ। यह खून ही उस खून का बदला लेगा, जो शत्रु ने बहाया है। खून से ही आजादी की कीमत चुकाई जा सकती है। तुम मुझे खून दो और मैं तुमसे आजादी का वादा करता हूँ। ''
-नेताजी सुभाषचंद्र बोस
'' मुझे उस भारत का वासी होने पर गर्व है, जिसने इस पृथ्वी के सभी धर्मों व सभी देशों के सताए हुए लोगों और शरणार्थियों को शरण दी।''
-स्वामी विवेकानंद
वे भाषण, जिन्होंने राजनीति का रुख बदलकर रख दिया, जो अपनी वक्तृत्व शक्ति के कारण स्मरणीय बन गए, जिन्होंने भारतीय इतिहास में एक अभिनव घड़ी ला दी। यहाँ सुभाषचंद्र बोस हैं अपने जवानों का जोश बढ़ाते हुए जिन्ना का पाकिस्तानी संसद् में प्रारंभिक भाषण है, नेहरू की भावी मंदिरों की परिकल्पना है, युवा वाजपेयी का तिब्बत के लिए समर्थन है। वह भाषण भी है, जिसने आपातकाल लागू किया। मनमोहन सिंह की आर्थिक सुधारों के लिए अपील है और अमर्त्य सेन की सत्यजित रे पर चर्चा भी। ये सभी मिलकर आधुनिक भारत की कहानी कहते हैं-स्वाधीनता के प्रयासों से लेकर बाद के युद्धों तक की कहानी। प्रेरक व शिक्षाप्रद ' भारत के महान् भाषण' आपको भारतीय इतिहास के उस रूपाकार का प्रत्यक्ष दर्शन कराएँगे, जो उसके निर्माताओं ने उसे दिया ।
राजनीति : सामाजिक - Bharat Ke Mahan Bhashan
Bharat Ke Mahan Bhashan - by - Prabhat Prakashan
Bharat Ke Mahan Bhashan - स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है। जब तक यह भावना मुझमें जाग्रत है, मैं बूढ़ा नहीं हो सकता। आत्मा को न तो शस्त्र भेद सकता है, न अग्नि जला सकती है, न जल गला सकता है और न वायु सुखा सकती है।'' -बाल गंगाधर तिलक '' साथियों, स्वतंत्रता के युद्ध में मेरे साथियो!
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- Model: PP2261
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP2261
- ISBN: 9788173156878
- ISBN: 9788173156878
- Total Pages: 415
- Edition: Edition 1st
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Cover
- Year: 2012
₹ 300.00
Ex Tax: ₹ 300.00