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भक्ति साहित्य - Ye Ram Mere

भक्ति साहित्य - Ye Ram Mere
इस ग्रंथ में रामभक्त शबरी का अलौकिक प्रसंग प्रकट हुआ है। एक अबला स्त्री को आश्रय देकर मातंग ऋषि ने उनमें ईश्वरीय प्रेम की भावना जगा दी। अत्यंत बलशाली और बुद्धिमान हनुमान भी इस निष्कर्ष पर पहुँच गए कि जब उनकी सारी बुद्धि और शक्ति प्रभु राम के ईश्वरीय कार्य में लगेगी, तभी उन्हें सच्चा और पूर्ण समाधान प्राप्त होगा। ग्रंथ का उपसंहार करते हुए श्रीपरमानंद स्वामी ने नारद-लक्ष्मी संवाद द्वारा प्रश्न पूछे हैं और उनका उत्तर दिया है कि मानव रूप में अवतरित राम के संपर्क और सान्निध्य में अनेक जन आए, परंतु उनके अंतःकरण से कुछ ही एकरूप हो पाए। पर जो एकरूप नहीं हो पाए, उनके भाव में क्या कमी रह गई थी—ऐसे मूलभूत प्रश्नों और उत्तरों में ही भक्तिमार्ग का सार छिपा है।  श्रीराम के प्रति मन में अटूट भक्ति और श्रद्धा ही मानव का अंतःकरण निर्मल और शुद्ध करती है। यह पुस्तक श्रीरामभक्ति की पावन धारा में हमें स्नान करने का सुअवसर देती है। 

भक्ति साहित्य - Ye Ram Mere

Ye Ram Mere - by - Prabhat Prakashan

Ye Ram Mere -

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  • Stock: 10
  • Model: PP1945
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: PP1945
  • ISBN: 9789386001023
  • ISBN: 9789386001023
  • Total Pages: 376
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Cover
  • Year: 2016
₹ 500.00
Ex Tax: ₹ 500.00