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भक्ति साहित्य - Ramcharitmanas : Natya Roop

भक्ति साहित्य - Ramcharitmanas : Natya Roop
तुलसीकृत ‘रामचरितमानस’ भारतीयों के गले का हार है, आदर्श व अनुकरणीय है। रामचरितमानस में स्थापित आदर्शों का अनुसरण होता है। रामचरितमानस के धीरोदात्त नायक राम का जीवन तो भारतीयों के लिए एक आदर्श जीवन है। वे एक आदर्श मित्र, आदर्श भाई, आदर्श पुत्र, आदर्श शिष्य, आदर्श प्रजापालक एवं आदर्श राजा थे। उनके द्वारा स्थापित रामराज्य आज भी भारत का राष्‍ट्रीय लक्ष्य है, जिसे हमें प्राप्‍त करना है। ‘रामचरितमानस’ विश्‍व का सर्वश्रेष्‍ठ महाकाव्य ही नहीं है, यह व्यक्‍ति के लिए एक आचरण-संहिता भी है, जिसके प्रत्येक पृष्‍ठ पर जीवन-निर्माण के सूत्र सुसज्जित हैं। आजकल के पाठक को सरल रूप से पढ़ने और आसानी से समझने के लिए इसे नाट्य रूप में प्रस्तुत किया गया है। पृष्‍ठभूमि को यथारूप में रखने के लिए एक नए पात्र ‘रमायणी’ की अवधारणा की गई है, जो रामलीला के मंचन के समय अनिवार्य रूप से उपस्थित रहता है। आशा है, यह कृति दृश्य एवं श्रव्य प्रसार माध्यमों द्वारा जन-जन तक पहुँचेगी तथा असंख्य लोग इस कृति से अनमोल मोती ग्रहण करके अपने जीवन को सफल बनाकर समाज को समुन्नत करने में अपना योगदान देंगे।

भक्ति साहित्य - Ramcharitmanas : Natya Roop

Ramcharitmanas : Natya Roop - by - Prabhat Prakashan

Ramcharitmanas : Natya Roop -

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  • Stock: 10
  • Model: PP1960
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: PP1960
  • ISBN: 9789350484647
  • ISBN: 9789350484647
  • Total Pages: 584
  • Edition: Edition 2013
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Cover
  • Year: 2013
₹ 600.00
Ex Tax: ₹ 600.00