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भक्ति साहित्य - Pracheen Bharatiya Arth Chintan Ek Jhalak

भक्ति साहित्य - Pracheen Bharatiya Arth Chintan Ek Jhalak
भारतीय चिंतन में अर्थ को अत्यंत महत्त्वपूर्ण माना गया है, परंतु इसे साध्य, सर्वस्व नहीं माना गया है। इसका महत्त्व जीवन के लिए साधन तक ही सीमित रखा गया है। साध्य तो मोक्ष है, जिसकी प्राप्ति धर्म, अर्थ और काम के मर्यादित उपयोग से संभव होती है। अतः यह स्पष्ट है कि भारतीय चिंतन मूल रूप से आध्यात्मिक है, अध्यात्म-प्रधान है, जिसमें अर्थ ‘भौतिकता’ समाविष्ट है।  एक पूर्ण चिंतन के लिए भौतिक के साथ ही अभौतिक (आध्यात्मिक) चिंतन को भी स्वीकार करना होगा। मानव सुख एवं कल्याण के लिए भौतिक तथा अभौतिक दोनों प्रकार के तत्त्वों का मिश्रित, समन्वित विचार करना होगा। प्रस्तुत पुस्तक में इसी प्राचीन भारतीय अर्थ-चिंतन पर गहराई से विचार किया गया है। समृद्ध प्राचीन भारतीय अर्थव्यवस्था एवं तत्कालीन सामाजिक ताने-बाने  का विहंगम दृश्य उपलब्ध कराती विवेचनात्मक पुस्तक। 

भक्ति साहित्य - Pracheen Bharatiya Arth Chintan Ek Jhalak

Pracheen Bharatiya Arth Chintan Ek Jhalak - by - Prabhat Prakashan

Pracheen Bharatiya Arth Chintan Ek Jhalak -

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  • Stock: 10
  • Model: PP1904
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: PP1904
  • ISBN: 9788177212815
  • ISBN: 9788177212815
  • Total Pages: 224
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Cover
  • Year: 2016
₹ 400.00
Ex Tax: ₹ 400.00