प्रतिनिधि रचनाएँ - Dhakadvani
समसामयिक विषयों पर रचित इन आलेखों में समाज की विभिन्न गतिविधियों एवं परिस्थितियों का प्रतिबिंब बखूबी झलकता है। ये रचनाएँ विविध सांस्कृतिक, सामाजिक, राजनीतिक और पारिवारिक अभिव्यंजनाओं के मानदंड को अभिव्यक्त करती हैं। इन आलेखों को सारगर्भित परंतु सरल भाषा में सँजोया गया है। लेखक ने अपनी बात ‘धाकड़’ तरीके से कही है और सभी रचनाएँ बेमिसाल हैं। इस ‘धाकड़वाणी’ में वह सबकुछ है, जो एक आला दरजे की पुस्तक के लिए जरूरी होता है। यह पुस्तक पाठकों को चिंतन, संवेदना, कटाक्ष के साथ-साथ व्यंग्य की तीक्ष्ण धार एवं समाज की जीवन-झाँकी से अवश्य रूबरू कराएगी।अनुक्रमधाकड़वाणी के पंचतत्त्व — Pgs. 5धाकड़वाणी : साँच-साँच सो साँच! — Pgs. 11सजग करती धाकड़वाणी — Pgs. 13संजय उवाच : धाकड़वाणी — Pgs. 15मेरी बात — Pgs. 17आभार — Pgs. 191. दशावतार और जीवन-क्रम — Pgs. 232. जनांदोलनों का दौर — Pgs. 273. स्वच्छ भारत अभियान — Pgs. 314. रक्तबीज — Pgs. 365. भारत भाग्य विधाता — Pgs. 416. नर हो, न निराश करो मन को — Pgs. 467. न आना इस देश...एडीसन — Pgs. 518. प्रत्यक्षे प्रियवादिनम् — Pgs. 559. बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना — Pgs. 5910. भाषाओं का मायाजाल — Pgs. 6511. बिना धन्यवाद वापस — Pgs. 7012. अब करूँगा गंदी बात — Pgs. 7513. इक यह भी दीवाली है 7814. परनिंदा परम सुखम् — Pgs. 8515. अंधा बाँटे रेवड़ी — Pgs. 9016. साथी, हाथ बढ़ाना 9517. ...अब गोली खा — Pgs. 9818. और अब पैट्रोल बम — Pgs. 10319. मैं लडूँगा — Pgs. 10820. रस्म अदायगी — Pgs. 11221. कार्तिक कॉलिंग कार्तिक — Pgs. 11622. जिन खोदा तिन पाइयाँ, गहरी धरती पैठ — Pgs. 11923. मौसम गार्डेन — Pgs. 12424. दाग अच्छे हैं — Pgs. 129
प्रतिनिधि रचनाएँ - Dhakadvani
Dhakadvani - by - Prabhat Prakashan
Dhakadvani - समसामयिक विषयों पर रचित इन आलेखों में समाज की विभिन्न गतिविधियों एवं परिस्थितियों का प्रतिबिंब बखूबी झलकता है। ये रचनाएँ विविध सांस्कृतिक, सामाजिक, राजनीतिक और पारिवारिक अभिव्यंजनाओं के मानदंड को अभिव्यक्त करती हैं। इन आलेखों को सारगर्भित परंतु सरल भाषा में सँजोया गया है। लेखक ने अपनी बात ‘धाकड़’ तरीके से कही है और सभी रचनाएँ बेमिसाल हैं। इस ‘धाकड़वाणी’ में वह सबकुछ है, जो एक आला दरजे की पुस्तक के लिए जरूरी होता है। यह पुस्तक पाठकों को चिंतन, संवेदना, कटाक्ष के साथ-साथ व्यंग्य की तीक्ष्ण धार एवं समाज की जीवन-झाँकी से अवश्य रूबरू कराएगी।अनुक्रमधाकड़वाणी के पंचतत्त्व — Pgs.
- Stock: 10
- Model: PP1399
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP1399
- ISBN: 9789351869092
- ISBN: 9789351869092
- Total Pages: 136
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Cover
- Year: 2016
₹ 250.00
Ex Tax: ₹ 250.00