जीवनी - Hamare Bahadur Bachche
बहादुर बच्चों की ये सच्ची कहानियाँ खुद में एक दस्तावेज हैं व इतिहास भी, और वे मानो घोषणा करती हैं कि आज जब हमारा देश और समाज नैतिक मूल्यों के क्षरण की समस्या से जूझ रहा है, तब हमारे देश के ये दिलेर और बहादुर बच्चे ही हैं, जिनसे बच्चे तो सीख लेंगे ही, बड़ों को भी सीख लेनी चाहिए, तभी हमारा देश सच में उज्ज्वल और महान् देश बने।—प्रकाश मनुराष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित इन बच्चों में समान रूप से मौजूद है, और वह है उनके अप्रतिम साहस, सूझबूझ और अपनी जान की परवाह न करते हुए दूसरों के प्राण बचाने का तात्कालिक निर्णय लेने की क्षमता, जिसे देख-सुनकर बड़े भी हैरान रह जाते हैं।—रमेश तैलंगये कहानियाँ हमारे आज के बच्चों की हिम्मत एवं अदम्य साहस की कीर्ति-कथाएँ हैं। दास्तान हैं उस वीरता की, जो उन्होंने विषम परिस्थितियों में दिखाई, जिन्हें पढ़ते हुए हमें यह विश्वास हो जाता है कि बहादुरी की भारतीय परंपरा मरी नहीं, वह हमारे नौनिहालों में कूट-कूटकर भरी हुई है।—ओमप्रकाश कश्यपआज बच्चों के पाठ्यक्रम से अभिमन्यु, एकलव्य, चंद्रगुप्त मौर्य, लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, अब्दुल हमीद जैसे बहादुरों के साहस और वीरता की कहानियाँ लुप्तप्राय हो चुकी हैं। ऐसे समय में बच्चों को हिम्मत और बहादुरी की प्रेरणा देने में ये सच्ची कहानियाँ सहायक सिद्ध होंगी।—हरिश्चंद मेहराप्रथम राष्ट्रीय बाल वीरता
पुरस्कार विजेता, 1957अनुक्रम जीवन को एक मकसद के लिए जीना है : प्रधानमंत्री ………………………………………………..7अपनी बात ………………………………………………………131दे दी जानतार पीजू(अरूणाचल प्रदेश)172गिरोह का भंडाफोड़तेजस्विता प्रधान, शिवानी गौड(पं. बंगाल)223गुलदार से मुकाबलासुमित ममगाई(उत्तराखंड)274भँवर ने लील लियारोलुआपुई(मिजोरम)325आग की लपटों मेंतुषार वर्मा(छत्तीसगढ़)366भाई की रक्षकएच. लालरियातपुई(मिजोरम)417सहेली के लिएनीलम ध्रुव(छत्तीसगढ़)458साँप से सामनासोनू माली(राजस्थान)499कपड़े के सहारेमोहन सेठी(ओड़ीसा)5410करंट की चपेट मेंसिया वामनसा खोडे(कर्नाटक)5811नदी के बीच मेंथंगिलमंग लंकिम(नागालैंड)6312हौसला मन काप्रफुल्ल शर्मा(हिमाचल प्रदेश)6713पलट गई नावटंकेस्वर पीगू(आसाम)7214नदी में तैरते हुएआदित्य(केरल)7615ठीक तो हो बेटासदानंदा सिंह(मणिपुर)8016पता बता दोअंशिका पांडेय(उत्तर प्रदेश)8417नहर में आटोबिनिल मंजली(केरल)8818पकड़ा गया चोरअक्षित शर्मा, अक्षिता शर्मा(दिल्ली)9219खिलाड़ी का नया दाँवअखिल के. शिबु(महाराष्ट्र)9720और मेरी चप्पलनमन(दिल्ली)10121धधकती आग मेंनिशा दिलीप पाटिल(महाराष्ट्र)10622छुट्टी का दिनबदरून्निशा(केरल)11123और बादल फट गयापायल देवी(जम्मू कश्मीर)116
जीवनी - Hamare Bahadur Bachche
Hamare Bahadur Bachche - by - Prabhat Prakashan
Hamare Bahadur Bachche - बहादुर बच्चों की ये सच्ची कहानियाँ खुद में एक दस्तावेज हैं व इतिहास भी, और वे मानो घोषणा करती हैं कि आज जब हमारा देश और समाज नैतिक मूल्यों के क्षरण की समस्या से जूझ रहा है, तब हमारे देश के ये दिलेर और बहादुर बच्चे ही हैं, जिनसे बच्चे तो सीख लेंगे ही, बड़ों को भी सीख लेनी चाहिए, तभी हमारा देश सच में उज्ज्वल और महान् देश बने।—प्रकाश मनुराष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित इन बच्चों में समान रूप से मौजूद है, और वह है उनके अप्रतिम साहस, सूझबूझ और अपनी जान की परवाह न करते हुए दूसरों के प्राण बचाने का तात्कालिक निर्णय लेने की क्षमता, जिसे देख-सुनकर बड़े भी हैरान रह जाते हैं।—रमेश तैलंगये कहानियाँ हमारे आज के बच्चों की हिम्मत एवं अदम्य साहस की कीर्ति-कथाएँ हैं। दास्तान हैं उस वीरता की, जो उन्होंने विषम परिस्थितियों में दिखाई, जिन्हें पढ़ते हुए हमें यह विश्वास हो जाता है कि बहादुरी की भारतीय परंपरा मरी नहीं, वह हमारे नौनिहालों में कूट-कूटकर भरी हुई है।—ओमप्रकाश कश्यपआज बच्चों के पाठ्यक्रम से अभिमन्यु, एकलव्य, चंद्रगुप्त मौर्य, लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, अब्दुल हमीद जैसे बहादुरों के साहस और वीरता की कहानियाँ लुप्तप्राय हो चुकी हैं। ऐसे समय में बच्चों को हिम्मत और बहादुरी की प्रेरणा देने में ये सच्ची कहानियाँ सहायक सिद्ध होंगी।—हरिश्चंद मेहराप्रथम राष्ट्रीय बाल वीरता पुरस्कार विजेता, 1957अनुक्रम जीवन को एक मकसद के लिए जीना है : प्रधानमंत्री ……………………………………………….
- Stock: 10
- Model: PP1237
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP1237
- ISBN: 9789386936097
- ISBN: 9789386936097
- Total Pages: 120
- Edition: Edition 1st
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Cover
- Year: 2020
₹ 250.00
Ex Tax: ₹ 250.00