उपन्यास - One Night @ The Call Centre
“अर...र, कौन बोल रहा है?” ईशा ने कहा। “भगवान्।” आवाज ने कहा। “भगवान्? भगवान् जैसे कि...” राधिका ने कहा, जैसे ही हम सब तेज चमक रहे फोन को डर के मारे देख रहे थे। “जैसे कि भगवान्। मैंने यहाँ पर बहुत अजीब परिस्थिति देखी, इसलिए मैंने सोचा कि तुम लोगों का निरीक्षण कर लूँ।” “कौन है यह? यह क्या मजाक है?” व्रूम ने कड़क आवाज में कहा। “क्यों? क्या मैं तुम्हें मजाकिया लग रहा हूँ? मैंने कहा न कि मैं भगवान् हूँ।” आवाज ने कहा। —इसी उपन्यास सेअनुक्रमआभार — 11प्रस्तावना — 1329 से — 231 — 242 — 293 — 424 — 465: प्रियंका के साथ मेरी पिछली ‘डेट्स’ - I — 526 — 587 — 638 — 739 — 7910: प्रियंका के साथ मेरी पिछली ‘डेट्स’ - II — 8711 — 9612: प्रियंका के साथ मेरी पिछली ‘डेट्स’ - III — 10213 — 11214 — 12015 — 12516 — 13017 — 13418: प्रियंका के साथ मेरी पिछली ‘डेट्स’ - IV — 13919 — 14520 — 15221 — 15622 — 16323: प्रियंका के साथ मेरी पिछली ‘डेट्स’ - V — 17224 — 17525 — 18126 — 18627 — 19428 — 20129 — 20930 — 21331 — 22432 — 22933 — 23734 — 24335 — 25036 — 25237 — 25838 — 263उपसंहार — 265
उपन्यास - One Night @ The Call Centre
One Night @ The Call Centre - by - Prabhat Prakashan
One Night @ The Call Centre - “अर.
- Stock: 10
- Model: PP594
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP594
- ISBN: 9788173156274
- ISBN: 9788173156274
- Total Pages: 240
- Edition: Edition 1st
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Cover
- Year: 2020
₹ 400.00
Ex Tax: ₹ 400.00