उपन्यास - Naryastu Pujyante
आज के जमाने में जो स्त्रियाँ दुराचार का शिकार होती हैं, उनका क्या अंत होता है? उनके सम्मुख देवी अहिल्या जैसी पत्नी तथा ऋषि गौतम जैसे पति का आदर्श तो होता नहीं है। पति व उनका परिवार उन्हें दुत्कार देता है। ऐसी स्थिति में वे समाज का सामना नहीं कर पातीं। आत्मग्लानि की भाँति आत्मसम्मान व आत्मविश्वास पाने के लिए स्वयं को दंड देने अथवा तपाने का तो विचार ही उनमें नहीं आता। वे या तो सारी उम्र अपमानजनक जीवन जीने पर विवश होती हैं अथवा आत्महत्या कर लेती हैं। एक दुराचारी को दंड, पीडि़त नारी का प्रायश्चित्त द्वारा शुद्धीकरण तथा पति द्वारा क्षमादान की उदारता का एक अनुकरणीय उदाहरण है यह कथा। स्त्री के सम्मान, उसकी प्रतिष्ठा और मर्यादा को पुनर्स्थापित करता सशक्त उपन्यास।
उपन्यास - Naryastu Pujyante
Naryastu Pujyante - by - Prabhat Prakashan
Naryastu Pujyante - आज के जमाने में जो स्त्रियाँ दुराचार का शिकार होती हैं, उनका क्या अंत होता है?
- Stock: 10
- Model: PP658
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP658
- ISBN: 9789383110391
- ISBN: 9789383110391
- Total Pages: 128
- Edition: Edition 1st
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Cover
- Year: 2015
₹ 175.00
Ex Tax: ₹ 175.00