उपन्यास - Ganga Ke Paar-Aar
गांगेय अंचल में गंगा के पार-आर पानी से निकलनेवाली जमीनों को लेकर हर वर्ष बुआई और कटाई के समय जानलेवा संघर्ष होता रहा है, फिर भी प्रशासन और समाचार माध्यमों से यह सनातन प्रश्न अछूता-अनदेखा ही रहा है। गंगा के पार-आर में इन्हीं सवालों पर रोशनी डाली गई है। दोनों किनारों के रहनेवालों के आपसी संबंधों और जीवन व्यापारों का भी इसमें आकलन है।
उपन्यास - Ganga Ke Paar-Aar
Ganga Ke Paar-Aar - by - Prabhat Prakashan
Ganga Ke Paar-Aar -
- Stock: 10
- Model: PP652
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP652
- ISBN: 9789383111398
- ISBN: 9789383111398
- Total Pages: 120
- Edition: Edition 1
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Cover
- Year: 2014
₹ 175.00
Ex Tax: ₹ 175.00