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आज़ादी का अमृत महोत्सव - Topi Shukla

आज़ादी का अमृत महोत्सव - Topi Shukla
‘आधा गाँव’ के ख्यातिप्राप्त रचनाकार की यह एक अत्यन्त प्रभावपूर्ण और मर्म पर चोट करनेवाली कहानी है। ‘टोपी शुक्ला’ ऐसे हिन्दुस्तानी नागरिक का प्रतीक है जो मुस्लिम लीग की दो राष्ट्रवाली थ्योरी और भारत विभाजन के बावजूद आज भी अपने को विशुद्ध भारतीय समझता है—हिन्दू-मुस्लिम या शुक्ला, गुप्त, मिश्रा जैसे संकुचित अभिधानों को वह नहीं मानता। ऐसे स्वजनों से उसे घृणा है जो वेश्यावृत्ति करते हुए ब्राह्मणपना बचाकर रखते हैं, पर स्वयं उससे इसलिए घृणा करते हैं कि वह मुस्लिम मित्रों का समर्थक और हामी है। अन्त में टोपी शुक्ला ऐसे ही लोगों से कम्प्रोमाइज नहीं कर पाता और आत्महत्या कर लेता है।व्यंग्य-प्रधान शैली में लिखा गया यह उपन्यास आज के हिन्दू-मुस्लिम सम्बन्धों को पूरी सच्चाई के साथ पेश करते हुए हमारे आज के बुद्धिजीवियों के सामने एक प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।

आज़ादी का अमृत महोत्सव - Topi Shukla

Topi Shukla - by - Rajkamal Prakashan

Topi Shukla -

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  • Stock: 10
  • Model: RKP69
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RKP69
  • ISBN: 0
  • Total Pages: 119p
  • Edition: 2021, Ed 6th
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Back, Paper Back
  • Year: 1966
₹ 150.00
Ex Tax: ₹ 150.00