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आज़ादी का अमृत महोत्सव - Jhootha Sach : Desh Ka Bhavishya : Vol. 2

आज़ादी का अमृत महोत्सव - Jhootha Sach : Desh Ka Bhavishya : Vol. 2
भारत-पाकिस्तान विभाजन भारतीय राज्य के इतिहास का वह अध्याय है जो एक विराट त्रासदी के रूप में अनेक भारतीयों के मन पर आज भी जस-का-तस अंकित है। अपनी ज़मीनों-घरों से विस्थापित, असंख्य लोग जब नक़्शे में खींच दी गई एक रेखा के इधर और उधर की यात्रा पर निकल पड़े थे, यह न सिर्फ़ मनुष्य के जीवट की बल्कि भारतवर्ष के उन शाश्वत मूल्यों की भी परीक्षा थी जिनके दम पर सदियों से हमारी हस्ती मिटती नहीं थी।यशपाल का यह कालजयी उपन्यास उसी ऐतिहासिक कालखंड का महाआख्यान है। स्वयं यशपाल के शब्दों में यह इतिहास नहीं है, ‘कथानक में कुछ ऐतिहासिक घटनाएँ अथवा प्रसंग अवश्य हैं परन्तु सम्पूर्ण कथानक कल्पना के आधार पर उपन्यास है, इतिहास नहीं।’ अर्थात् यह उस ज़िन्दगी का आख्यान है जो अक्सर इतिहास के स्थूल ब्योरों में कहीं खो जाती है।‘झूठा सच’ के इस दूसरे भाग ‘देश का भविष्य’ के केन्द्र में पाकिस्तान से आए शरणार्थियों की समस्याएँ और उनके सामने उपस्थित नए सांस्कृतिक, नैतिक, सामाजिक और आर्थिक संकट हैं। नई राजनीतिक परिस्थितियों में कुछ लोग अपने साहस और जीवटता के बल पर जम जाते हैं, तो कुछ टूट भी जाते हैं।

आज़ादी का अमृत महोत्सव - Jhootha Sach : Desh Ka Bhavishya : Vol. 2

Jhootha Sach : Desh Ka Bhavishya : Vol. 2 - by - Lokbharti Prakashan

Jhootha Sach : Desh Ka Bhavishya : Vol. 2 -

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  • Stock: 10
  • Model: RKP3401
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RKP3401
  • ISBN: 0
  • Total Pages: 540p
  • Edition: 2018, Ed. 1st
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Back, Paper Back
  • Year: 2018
₹ 325.00
Ex Tax: ₹ 325.00