अर्थशास्त्र : बिजनेस : मैनेजमेंट - Pahale Karamachari Phir Grahak
विनीत नायर ने जब सन् 2005 में एच.सी.एल.टेक्नोलॉजीज (एच.सी.एल.टी.) की कमान सँभाली, उस समय कंपनी की सफलता की विरासत सूचना प्रौद्योगिकी सेवा बाजार में वैश्विक परिवर्तनों के कारण खतरे में पड़ती नजर आ रही थी और कंपनी के लिए अपने बड़े प्रतिद्वंद्वियों के साथ मुकाबला करना मुश्किल हो रहा था। पाँच वर्ष बाद इसी कंपनी की गणना, इसके द्वारा अपनाए गए क्रांतिकारी प्रबंधन प्रयोगों के कारण, विश्वव्यापी सूचना प्रौद्योगिकी सेवा क्षेत्र में सबसे तेज रफ्तार से बढ़नेवाली कंपनियों में होने लगी।
एच.सी.एल.टी. में ऐसी कायापलट कैसे संभव हुई? कंपनी की सफलता का रहस्य था कर्मचारियों को प्राथमिकता देना, विशेषकर उस ‘महत्त्वपूर्ण क्षेत्र’ में काम करनेवाले कर्मचारियों को, जिसे ग्राहक और एच.सी.एल.टी. के बीच मिलन-बिंदु कहा जाता है। ऐसा करने के लिए कंपनी ने किसी तरह के कर्मचारी-तुष्टीकरण कार्यक्रम नहीं चलाए, कोई भारी पुनर्गठन नहीं किया और न टेक्नोलॉजी में कोई बड़ा फेर-बदल किया।
कहा जाता है कि ग्राहक भगवान् होता है।यह पुस्तक इस बात को रेखांकित करती है कि ग्राहक के साथ-साथ, बल्कि उसके पहले, कर्मचारियों-सहयोगियों का सफल प्रबंधन आवश्यक है, ताकि वे अपना सर्वोत्तम दे सकें और ऐसे उत्पाद बनाएँ, जो व्यवसाय के भगवान् ‘ग्राहक’ को पसंद आएँ।
कर्मचारियों की मनोदशा, उनके स्वभाव और उनकी क्षमता का आकलन करनेवाली एक सफल प्रबंधन कृति।“
अपने बॉस को उपहार-स्वरूप देने के लिए एक शानदार पुस्तक।”
—द हिंदू
“विनीत नायर की यह पुस्तक उनके नवाचार और व्यावहारिक दृष्टि का परिचय देती है, जिससे वक अपने कर्मचारियों में नई चेतना और उत्साह का संचार करते हैं। वे नए-नए तरीके इन युवा कर्मियों को अपनी सर्वोच्च क्षमता के अनुसार काम करने की प्रेरणा देते हैं, ताकि वे अपने ग्राहकों के लिए अधिकाधिक बेहतर उत्पाद बनाएँ और अपनी कंपनी को एक वैश्विक नेतृत्व प्रदान करें।”
—रामचरण,विश्वविख्यात मैनेजमेंट गुरु“
विनीत नायर ने बिजनेस को चलाने और बढ़ाने के नायाब और बिलकुल नए तरीके बताए हैं। मैं उनमें अगले पीटर ड्रकर की छवि देखता हूँ।”
—टॉम पीटर्स, बेस्टसैलर पुस्तक
‘इन सर्च ऑफ एक्सीलेंस’ के लेखक
“कर्मचारी किसी भी कंपनी का दिल और आत्मा होते हैं। विनीत नायर की यह पुस्तक मैनेजमेंट को अपने इन अमूल्य व्यक्तियों को नेतृत्व करने का द्वार खोलती है, ताकि वे स्वयं उत्साहित होकर अपना सर्वोत्तम दें और अंततः कंपनी के विकास में सहभागी हों।
—टॉनी सीह, zappos.com
के मुख्य कार्यकारी अधिकारी
अर्थशास्त्र : बिजनेस : मैनेजमेंट - Pahale Karamachari Phir Grahak
Pahale Karamachari Phir Grahak - by - Prabhat Prakashan
Pahale Karamachari Phir Grahak - विनीत नायर ने जब सन् 2005 में एच.
- Stock: 10
- Model: PP514
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP514
- ISBN: 9789350480625
- ISBN: 9789350480625
- Total Pages: 168
- Edition: Edition 2011
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Cover
- Year: 2011
₹ 250.00
Ex Tax: ₹ 250.00