Women Studies - Aurat Hone Ki Saza
पाठकों को यह पढ़कर बेहद आश्चर्य होगा कि भारतीय क़ानून के किसी भी अधिनियम में माँ, माता, जननी, यानी मदर को परिभाषित नहीं किया गया है। द जेनेरल क्लासेस एक्ट की धारा 3, अप-धारा 20 में बाप, पिता यानी ‘फादर’ को तो परिभाषित किया गया है, लेकिन माँ को नहीं। माँ को परिभाषित करने की आवश्यकता नहीं थी या क़ानून निर्माता पुरुषों ने जानबूझकर इसे भुला दिया? ऐसा क्यों और कैसे हुआ—कहना कठिन है। शायद इसलिए कि माँ एक निश्चित सत्य है और पिता मात्र अनुमान या अनिश्चित तथ्य, जिसे परिभाषित करना अनिवार्य है। कुछ समय पहले सर्वोच्च न्यायालय के माननीय न्यायमूर्ति डॉ. ए.एस. आनन्द और फसौद्दीन के सामने यह गम्भीर प्रश्न आ खड़ा हुआ कि माँ शब्द की परिभाषा में, सौतेली माँ भी शामिल है? क्या आपराधिक प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 125 के अन्तर्गत सौतेली माँ को भी अपने सौतेले बेटे से गुज़ारा भत्ता पाने का अधिकार है या नहीं?
Women Studies - Aurat Hone Ki Saza
Aurat Hone Ki Saza - by - Rajkamal Prakashan
Aurat Hone Ki Saza - पाठकों को यह पढ़कर बेहद आश्चर्य होगा कि भारतीय क़ानून के किसी भी अधिनियम में माँ, माता, जननी, यानी मदर को परिभाषित नहीं किया गया है। द जेनेरल क्लासेस एक्ट की धारा 3, अप-धारा 20 में बाप, पिता यानी ‘फादर’ को तो परिभाषित किया गया है, लेकिन माँ को नहीं। माँ को परिभाषित करने की आवश्यकता नहीं थी या क़ानून निर्माता पुरुषों ने जानबूझकर इसे भुला दिया?
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- Model: RKP1295
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: RKP1295
- ISBN: 0
- Total Pages: 275p
- Edition: 2016, Ed. 1st
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Back, Paper Back
- Year: 2016
₹ 199.00
Ex Tax: ₹ 199.00