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Raza Pustak Mala - Chitramay Bharat

Raza Pustak Mala - Chitramay Bharat
भारतीय भाषाओं में कला-आलोचना के अभाव को किसी हद तक सुधाकर यादव की 'चित्रमय भारत’ दूर करने का एक ऐसा विस्तृत प्रयास है जो अब तक नहीं हुआ है। ...पाठक लक्ष्य करेंगे कि 'चित्रमय भारत’ में आधुनिक नागर चित्रकारों की कला को तो विषय बनाया ही गया है, पर साथ में हमारे आदिवासी अंचलों में काम कर रहे चित्रकारों की कला पर भी उतनी ही गम्भीरता से लिखा गया है। यह इस पुस्तक की विशिष्ट बात है। मसलन, सुधाकर के लिए मक़बूल फ़िदा हुसैन और जनगढ़ सिंह श्याम दोनों की ही चित्रकृतियाँ विचार योग्य हैं और वे दोनों ही भारत की चित्रकला संस्कृति को समृद्ध करती हैं। इस किताब को अन्तिम पृष्ठ तक पढ़ने के बाद पाठक को पिछले सौ वर्षों से अधिक की भारतीय चित्रकला की यात्रा का, उसमें आए नए-नए पड़ावों और प्रस्थानों का ज्ञान तो होगा ही, अनुभव भी बहुत हद तक हो सकेगा। 'चित्रमय भारत’ हमें भारतीय चित्रकला संस्कृति से आत्मीय होने का अवसर प्रदान करती है। इसे पढ़कर पाठक स्वयं को अपनी संस्कृति की चित्रकला से कहीं अधिक निकटता महसूस करेंगे और अपने भीतर इसे और इसके सहारे ख़ुद को अनुभव करने के मार्ग कहीं अधिक सुगमता से अन्वेषित कर सकेंगे।    —उदयन वाजपेयी

Raza Pustak Mala - Chitramay Bharat

Chitramay Bharat - by - Rajkamal Prakashan

Chitramay Bharat - भारतीय भाषाओं में कला-आलोचना के अभाव को किसी हद तक सुधाकर यादव की 'चित्रमय भारत’ दूर करने का एक ऐसा विस्तृत प्रयास है जो अब तक नहीं हुआ है। .

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  • Stock: 10
  • Model: RKP1521
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RKP1521
  • ISBN: 0
  • Total Pages: 228p
  • Edition: 2020, Ed. 1st
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Back, Paper Back
  • Year: 2019
₹ 295.00
Ex Tax: ₹ 295.00