Representative Stories - Pratinidhi Kahaniyan : Bhagwaticharan Verma
इस कथाकृति में सुविख्यात उपन्यासकार भगवतीचरण वर्मा की कुछ ऐसी कहानियाँ दी गई हैं जिनका न केवल हिन्दी में, बल्कि समूचे भारतीय कथा-साहित्य में उल्लेखनीय स्थान है। व्यक्ति-मन की गूढ़ भावनाओं अथवा उसकी अवचेतनगत बारीकियों में पाठक को उलझाना इन कहानियों का उद्देश्य नहीं, उद्देश्य है समकालीन भारतीय समाज के संघटक अनेकानेक व्यक्ति-चरित्रों का उद्घाटन। इन्हीं चरित्रों के माध्यम से हम भारतीय समाज के प्रमुख अन्तर्विरोधों तथा उसकी ख़ूबियों और ख़ामियों से परिचित होते हैं। लगता है, हम अपने ही आसपास की जीवित सच्चाइयों और वर्गीय विविधताओं से गुज़र रहे हैं। इन कहानियों की चरित्रप्रधान विषयवस्तु और व्यंग्यात्मक भाषा-शैली प्रेमचन्दोत्तर हिन्दी-कहानी के एक दौर की विशिष्ट पहचान है। इस दृष्टि से इन कहानियों का ऐतिहासिक महत्त्व भी है।
Representative Stories - Pratinidhi Kahaniyan : Bhagwaticharan Verma
Pratinidhi Kahaniyan : Bhagwaticharan Verma - by - Rajkamal Prakashan
Pratinidhi Kahaniyan : Bhagwaticharan Verma -
- Stock: 10
- Model: RKP744
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: RKP744
- ISBN: 0
- Total Pages: 164p
- Edition: 2020, Ed. 1st
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Back, Paper Back
- Year: 1988
₹ 75.00
Ex Tax: ₹ 75.00
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