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Reportage - Fighter Ki Diary

Reportage - Fighter Ki Diary
वर्दी क्या होती है, जानती हो? वह क्या महज़ कोई पोशाक होती है, जैसा कि समझा जाता है।सुनो वह पोशाक के रूप में ‘ताक़त’ होती है। उसी ताक़त को तुम चाहती हो। जिसको कमज़ोर मान लिया गया है, उसे ताक़त की तमन्ना हर हाल में होगी। हाँ, वह वर्दी तुम पर फबती है। ताक़त या शक्ति हर इनसान पर फबती है। लेकिन फबती तभी है जब वर्दीरूपी ताक़त का उपयोग नाइंसाफ़ी से लड़ने के लिए होता है। यह मनुष्यता को बचाने के लिए तुम्हें सौंपी गई वह ताक़त है, जो तुम्हारे स्वाभिमान की रक्षा करती है। सच मानो वर्दी तुम्हारी शख़्सियत का आईना है।स्त्री की कोशिश में अगर ज़िद न मिलाई जाए तो उसका मुक़ाम दूर ही रहेगा। सच में औरत की अपनी ज़िद ही वह ताक़त है जो उसे रूढ़ियों, जर्जर मान्यताओं के जंजाल से खींचकर खुली दुनिया में ला रही है। नहीं तो सुमन जैसी लड़कियों की पढ़ाई छुड़वाकर उसे घर बिठा दिया जाता। मेरे ख़याल में आप त्रियाहठ का अर्थ उस तरह समझ रही हैं कि जो दृढ़ संकल्प हमारे जीवन को उन्नति की ओर ले जाए।‘नहीं, शादी नहीं। मैं घर से भाग जाऊँगी’ अम्मी के सामने यह कहा तो अम्मी की आँखें कौड़ी की तरह खुली रह गर्इं। उनके होंठों में हरकत थी, जैसे कह रही हों—भाग जाएगी! भाग जाएगी!!—उन्होंने जो साफ़ तौर पर कहा, वह तीर की तरह चुभा हिना को—‘भाग जा, रंडियों के कोठे पर बैठ जाना और तू करेगी क्या?’—इसी पुस्तक से।

Reportage - Fighter Ki Diary

Fighter Ki Diary - by - Rajkamal Prakashan

Fighter Ki Diary - वर्दी क्या होती है, जानती हो?

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  • Stock: 10
  • Model: RKP1882
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RKP1882
  • ISBN: 0
  • Total Pages: 232p
  • Edition: 2012, Ed. 1st
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Back, Paper Back
  • Year: 2012
₹ 195.00
Ex Tax: ₹ 195.00