पुस्तक में लेखिका ने माओवादियों के क्षेत्र में विचरण कर आँखों देखा ब्योरा प्रस्तुत किया है और दन्तेवाड़ा में आदिवासियों के जीवन तथा माओवादियों से की गई मुलाक़ातों और उनकी सोच तथा जीवन स्थितियों को संवेदनशील ढंग से अभिव्यक्त किया है। कॉमरेड कमला, कॉमरेड वेणु सहित अन्य कॉमरेडों के साथ किया यह सफ़र उन स..
वर्दी क्या होती है, जानती हो? वह क्या महज़ कोई पोशाक होती है, जैसा कि समझा जाता है।सुनो वह पोशाक के रूप में ‘ताक़त’ होती है। उसी ताक़त को तुम चाहती हो। जिसको कमज़ोर मान लिया गया है, उसे ताक़त की तमन्ना हर हाल में होगी। हाँ, वह वर्दी तुम पर फबती है। ताक़त या शक्ति हर इनसान पर फबती है। लेकिन फबती तभ..
आज का विज्ञान चिन्ताजनक सीमाओं तक विकास कर रहा है। पिछले कुछ वर्षों में किसी दूसरे विज्ञान ने इतने नाटकीय ढंग से विकास नहीं किया है, न ही किसी दूसरे विज्ञान ने मानव-कल्याण में इतना स्पष्ट योगदान दिया है। इसके बावजूद परमाणु भौतिकी के अलावा मात्र जीवविज्ञान ने ही ऐसी बहस छेड़ी है जिसमें आम आदमी के साथ-..
कथाशिल्पी फणीश्वरनाथ रेणु अप्रतिम रचनाकार थे, साथ ही क्रान्ति-योद्धा भी। एक ओर वे अपनी रचनाधर्मिता के प्रति समर्पित थे, दूसरी ओर थी राजनीति में उनकी सतत सक्रियता। और यह राजनीतिक गतिविधि स्वदेश तक ही सीमित नहीं रही, पड़ोसी देश नेपाल के राजनीतिक आन्दोलनों से भी उनका गहरा लगाव रहा। ‘नेपाली क्रान्ति-कथा..
‘शाहीन बाग़ : लोकतंत्र की नई करवट’ उस अनूठे आन्दोलन का दस्तावेज़ है जो राजधानी दिल्ली के गुमनाम-से इलाक़े से शुरू हुआ और देखते-देखते एक राष्ट्रव्यापी परिघटना बन गया। यह किताब औरतों, ख़ासकर मुस्लिम औरतों की अगुआई में चले शाहीन बाग़ आन्दोलन का न सिर्फ़ आँखों देखा वृत्तान्त पेश करती है, बल्कि सप्रमाण उ..
‘तूफानों के बीच’ रांगेय राघव का मार्मिक रिपोर्ताज है। अपनी विशिष्ट वर्णन शैली और व्यापक मानवीय सरोकारों के चलते यह रचना अत्यन्त हृदयग्राही सिद्ध हुई है। रांगेय राघव ने पुस्तक की भूमिका में लिखा है, ‘बंगाल का अकाल मानवता के इतिहास का बहुत बड़ा कलंक है। शायद क्लियोपेट्रा भी धन के वैभव और साम्राज्य की ..