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Politics - Keval Daliton Ke Masiha Nahi Hain Ambedkar

Politics - Keval Daliton Ke Masiha Nahi Hain Ambedkar
बाबा साहब डॉ. अम्बेडकर ने सदियों से सभी तरह के अधिकार एवं सुविधा से वंचित जनसमूहों में यदि चेतना का संचार किया और उन्हें शिक्षित, संगठित होकर संघर्ष करने का मार्ग बताया तो यह उनका दलित-प्रेम नहीं; बल्कि सभी मूल, कुल, वंश, जाति, गोत्र, नस्ल, सम्प्रदाय, वर्ग, वर्ण के अधिकार-वंचितों की सच्ची सेवा का दुर्लभ उदाहरण है। सुविधा तथा अधिकार-वंचित मात्र दलित ही नहीं हैं, वे भी हैं जिनकी उन्नति तथा समृद्धि के सभी मुहानों को उद्धारक कहलानेवाले मायावी मानवों ने अवरुद्ध कर रखा है।इस पुस्तक का प्रणयन डॉ. अम्बेडकर के इन्हीं अवदानों को रेखांकित करने के लिए किया गया है। श्रम-समस्या, नारी-उत्थान, धर्म, सामाजिक न्याय, उद्योग, कृषि, मानव-संसाधन, जल-संसाधन, बीमा उद्योग, मद्यनिषेध, शिक्षा, लोकतंत्र, कार्यपालिका, न्यायपालिका, व्यवस्थापिका, संघीय शासन प्रणाली, भाषायी प्रान्त और राष्ट्रभाषा आदि विषयों पर डॉ. अम्बेडकर के चिन्तन तथा सिद्धान्त आज भी प्रासंगिक हैं। पुस्तक में इन विषयों के सन्दर्भ में उनके विचारों पर सविस्तार विचार किया गया है जिससे स्पष्ट होता है कि बाबा साहब के विचार समष्टिभावी हैं, व्यष्टिभावी नहीं।

Politics - Keval Daliton Ke Masiha Nahi Hain Ambedkar

Keval Daliton Ke Masiha Nahi Hain Ambedkar - by - Rajkamal Prakashan

Keval Daliton Ke Masiha Nahi Hain Ambedkar - बाबा साहब डॉ.

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  • Stock: 10
  • Model: RKP1439
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RKP1439
  • ISBN: 0
  • Total Pages: 208p
  • Edition: 2014, Ed. 2nd
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Back
  • Year: 2011
₹ 300.00
Ex Tax: ₹ 300.00