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Poetry - Nakshtraheen Samay Mein

Poetry - Nakshtraheen Samay Mein
अशोक वाजपेयी का यह पन्द्रहवाँ कविता-संग्रह उनके पहले कविता-संग्रह के प्रकाशन के 50वें वर्ष में प्रकाशित हो रहा है। अपनी कविता के मूल स्वर और सरोकार पर अड़े रहे इस कवि ने हर बार अपनी कविता के संसार में कुछ ऐसा शामिल किया, खोजा है जो पहले नहीं था। इस बार समकालीन राजनीति में जो उथल-पुथल हुई है, उसके प्रतिरोध के रूप में उनकी कविता खड़ी हुई है। टेढ़ेपन पर अटल भरोसा रखनेवाले कवि ने इसमें कुछ सपाटबयानी भी की है। इस सबके बावजूद होने का अवसाद, गहरा आत्मालोचन और अदम्य जिजीविषा सब कुछ यहाँ एक साथ है। सयानापन और ज़‍िम्मेदारी, शब्द और शिल्प से कुछ खिलवाड़ तथा रोज़मर्रा की ज़‍िन्दगी का सहज अध्यात्म फिर चरितार्थ है।

Poetry - Nakshtraheen Samay Mein

Nakshtraheen Samay Mein - by - Rajkamal Prakashan

Nakshtraheen Samay Mein -

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  • Stock: 10
  • Model: RKP632
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RKP632
  • ISBN: 0
  • Total Pages: 128P
  • Edition: 2016, Ed. 1st
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Back
  • Year: 2016
₹ 300.00
Ex Tax: ₹ 300.00