Poetry - Nabhinal
धीमी आँच पर धरती की मोटी सतह के भीतर हलके-हलके खदबदाता कुछ—फट पड़ने की तरफ़ एक-एक क़दम रखता हुआ। रवीन्द्र भारती की इन कविताओं की तुलना में अगर कोई बिम्ब गढ़ना चाहे तो वह कुछ ऐसा होगा। जो मन इन कविताओं में न्यस्त है। यह मुँडेर पर खड़ा चीख़ता हुआ मन नहीं है, यह गली के कोलाहल को परत-परत छील चुका और उसके परदे में छिपी तमाम मामूलियत को पहचान चुका मन है, और अब बदलाव को उतनी ही गहराई और सच्चाई से शुरू होते देखना चाहता है जितने गहरे उसकी बेचैनी खदबदा रही है।बिलकुल हमारे आसपास के सन्दर्भों में एकदम सहज तत्त्वों और तथ्यों को वे तिनके की तरह उठाते हैं, एक दुर्लभ शान्त तन्मयता के साथ इशारों में ही उनको स्पर्श करते हैं, और हमें मालूम भी नहीं होता कि हमारी सोई संवेदना क़तई भिन्न-आलोक में जाग पड़ती है। उनकी कविताओं में प्रतीकों का एक अनन्त विस्तार है जिसकी पहुँच प्रकृति, अन्तरिक्ष और सृष्टि के आदि-अन्त तक है। ये कविताएँ हमें कभी बहुत ऊँचे से, लगभग किसी सिद्ध भिक्षु की तरह सम्बोधित करती हैं और कभी ठीक हमारे सामने आकर किसी संगी-साथी की तरह, ऐसा साथी जो हमसे ज़्यादा अक्लमन्द है लेकिन उस अक्लमन्दी को भी जिसने अपनी अर्जित अनाक्रमकता की पवित्र तहों में कहीं पिरो लिया है।इस नज़रिए से वे अब भी एक ताज़ा कवि हैं, जो हमें हमारे अभ्यस्त पुरानेपन की ज़द से बाहर ले जाते हैं और चीज़ों को देखने की नई दृष्टि देते हैं जिससे हमारा आन्तरिक स्पेस रचनात्मक हो उठता है। कहना होगा कि हिन्दी कविता के कुछ तत्त्व जो बहुप्रतीक्षित थे, इन कविताओं में प्रकट होते हैं।
Poetry - Nabhinal
Nabhinal - by - Radhakrishna Prakashan
Nabhinal -
- Stock: 10
- Model: RKP2685
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: RKP2685
- ISBN: 0
- Total Pages: 92p
- Edition: 2016, Ed. 1st
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Back
- Year: 2016
₹ 250.00
Ex Tax: ₹ 250.00