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Poetry - Boli Baat

Poetry - Boli Baat
‘बोली बात’ युवा कवि श्रीप्रकाश शुक्ल का दूसरा काव्य-संकलन है जिसमें कवि ने न सिर्फ़ अपनी विकास यात्रा को रेखांकित किया है, बल्कि समाज और उसके जन-जीवन के प्रति अपनी सरोकारों को और भी गहरे ढंग से जताया है। संग्रह में शामिल ‘ग़ाज़ीपुर’ कविता की ये पंक्तियाँ स्पष्ट रूप से बताती हैं कि कवि अपने आसपास को कितनी संवेदनशीलता के साथ ग्रहण कर रहा है: “यह एक ऐसा शहर है/जहाँ लोग धीरे-धीरे रहते हैं/और धीरे-धीरे रहने लगते हैं/यहाँ आनेवाला हर व्यक्ति कुछ सहमा-सहमा रहता है/कुछ-कुछ अलग-अलग रहता है/जैसे उमस-भरी गर्मी में दूसरे का स्पर्श/लेकिन धीरे-धीरे ससुराल गई महिला की तरह/जीना सीख लेता है।”कवि का पहला संकलन कुछ वर्ष पहले आया था, जिसका नाम था—‘जहाँ सब शहर नहीं होता’। ‘बोली बात’ पिछले संग्रह के नाम से ध्वनित होनेवाली भाव-भूमि और दृष्टि-भंगिमा का ही अगला सोपान है, यह कहा जा सकता है। एक नए कवि का दूसरा संग्रह एक तरह से उसके विकास की कसौटी भी होता है और इस संग्रह की कविताओं को देखते हुए यह आश्वस्तिपूर्वक कहा जा सकता है कि इस संग्रह में काफ़ी कुछ ऐसा है जो कवि के रचनात्मक विकास की ओर ध्यान आकृष्ट करता है और कहें तो प्रमाणित भी। इस पूरे संग्रह को एक साथ पढ़ा जाए तो इसकी एक-एक कविता के भीतर से एक ऐसी दुनिया उभरती हुई दिखाई पड़ेगी, जिसे समकालीन विमर्श की भाषा में ‘सबाल्टर्न’ कहा जाता है। संग्रह की पहली कविता ‘हड़परौली’—इसका सबसे स्पष्ट और मूर्त्त उदाहरण है। इस प्रवृत्ति को सूचित करनेवाली एक साथ इतनी कविताएँ यहाँ मिल सकती हैं, जो कई बार एक पाठक को रोकती-टोकती-सी लगें। पर एक अच्छी बात यह है कि इसी के चलते अनेक नए देशज शब्द भी यहाँ मिलेंगे, जिन्हें पहली बार कविता की दुनिया की नागरिकता दी गई है।कुल मिलाकर यह एक ऐसा संग्रह है जो अपने खाँटी देसीपन के कारण अलग से पहचाना जाएगा। कविता के एक पाठक के रूप में मैं यह निस्संकोच कह सकता हूँ कि इस विशिष्टता के अलावा भी यहाँ बहुत कुछ मिलेगा जो कविता-प्रेमियों को आकृष्ट करेगा और बेशक आश्वस्त भी।—केदारनाथ सिंह

Poetry - Boli Baat

Boli Baat - by - Rajkamal Prakashan

Boli Baat -

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  • Stock: 10
  • Model: RKP252
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RKP252
  • ISBN: 0
  • Total Pages: 119p
  • Edition: 2007, Ed. 1st
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Back
  • Year: 2007
₹ 150.00
Ex Tax: ₹ 150.00
Tags: boli , baat , poetry , hindi , gagan , notebook